इंस्टाग्राम से पश्चिम बंगाल तक: बहनों की गुमशुदगी से बड़ा धर्मांतरण षड्यंत्र उजागर
आगरा, मानवेन्द्र मल्होत्रा । ताजनगरी से लापता हुई दो सगी बहनों का मामला अब महज एक घरेलू विवाद या गुमशुदगी नहीं रह गया है। पुलिस जांच में सामने आया है कि यह एक सुनियोजित धर्मांतरण रैकेट का हिस्सा है, जिसके तार देश के सात राज्यों से जुड़े हैं। यही नहीं, इस गिरोह को विदेशों से फंडिंग मिलने की भी आशंका जताई जा रही है।
पहले बड़ी बहन फंसी, फिर छोटी को भी किया ब्रेनवॉश
पुलिस सूत्रों के अनुसार, बड़ी बहन सबसे पहले आगरा के एक कॉलेज में पढ़ने वाली साईमा उर्फ खुशबू नाम की युवती के संपर्क में आई थी। वर्ष 2021 में वह उसे जम्मू-कश्मीर ले गई थी, जहां एक भूस्खलन के चलते वह किसी बड़े हादसे से बच गई। पुलिस सूचना के बाद परिजनों ने उसे वापस लाया।
वापसी के बाद उसने अपनी छोटी बहन को भी प्रभावित कर दिया और दोनों बहनें 24 मार्च 2025 को घर से लापता हो गईं। पहले गुमशुदगी और बाद में 4 मई को अपहरण का मुकदमा दर्ज किया गया।
इंस्टाग्राम पर धर्मांतरण की मुहिम, पश्चिम बंगाल बुलाया गया
जांच के दौरान पुलिस को एक इंस्टाग्राम अकाउंट मिला जिस पर इस्लाम के पक्ष में प्रचार किया जा रहा था। उसी पर एक ऑडियो क्लिप मिली जिसमें बहनों में से एक की आवाज पहचानी गई। कॉल करने पर धर्म परिवर्तन की बात की गई और पश्चिम बंगाल आने को कहा गया, साथ ही यह भी कि वहां पहुंचने पर लोकेशन बताई जाएगी।
सात राज्यों तक फैला नेटवर्क, एजेंसियां अलर्ट
जांच में सामने आया कि इस रैकेट के तार पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा, पुडुचेरी, राजस्थान और उत्तराखंड से जुड़े हैं। इन राज्यों में साइबर सेल और खुफिया विभाग के माध्यम से जानकारी एकत्र की जा रही है।

विदेशी फंडिंग का शक, ATS की एंट्री
मामले में विदेशी आर्थिक सहायता की भी आशंका जताई जा रही है। पुलिस ने फेसबुक और इंस्टाग्राम से डाटा मांगा है। अब इसमें एटीएस और इंटेलिजेंस एजेंसियां भी शामिल हो चुकी हैं।
पुलिस आयुक्त ने गठित की टीमें
आगरा पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने इस गंभीर मामले में एडीसीपी सिटी आदित्य के नेतृत्व में विशेष टीमों का गठन किया है। बहनों की तलाश के साथ-साथ पूरे नेटवर्क को उजागर करने की दिशा में कार्य हो रहा है।
जल्द हो सकता है बड़ा खुलासा
पुलिस सूत्रों की मानें तो यह अब तक का सबसे बड़ा धर्मांतरण गिरोह हो सकता है, जिसकी डिजिटल रणनीति, सोशल मीडिया के जरिए ब्रेनवॉश, और राज्यवार फैले सहयोगी सामने आ रहे हैं। जल्द ही इस मामले में कई गिरफ्तारियां हो सकती हैं।