मण्डलायुक्त की बैंको को चेतावनी: लापरवाही नहीं चलेगी, तय लक्ष्य पर फोकस करें
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना की समीक्षा बैठक में मंडलायुक्त शैलेन्द्र कुमार सिंह ने जताई कड़ी नाराजगी
आगरा। मंगलवार को मंडलायुक्त शैलेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयुक्त सभागार में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान योजना की समीक्षा बैठक संपन्न हुई। बैठक में योजना की धीमी प्रगति और बैंकों की लापरवाही पर मंडलायुक्त ने गहरी नाराजगी जताई और कड़ी फटकार लगाई।संयुक्त आयुक्त उद्योग अनुज कुमार ने बैठक में बताया कि योजना के तहत इस सत्र में लगभग 1.5 लाख युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें 10 हजार ऋण वितरण का लक्ष्य सरकारी एवं निजी बैंकों के माध्यम से तय किया गया है। लेकिन समीक्षा में यह सामने आया कि अधिकांश बैंक लक्ष्य से काफी पीछे हैं।

प्रमुख सरकारी बैंकों का खराब प्रदर्शन
समीक्षा के दौरान SBI, कैनरा बैंक, यूनियन बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक पाया गया। इन बैंकों ने लक्ष्य का मात्र 20 से 30 प्रतिशत ही कार्य पूरा किया। सबसे अधिक नाराजगी SBI पर जताई गई, जिसने प्राप्त आवेदनों में से आधे से अधिक को निरस्त कर दिया।मंडलायुक्त ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। यह अस्वीकार्य है।” उन्होंने बैंकों के प्रतिनिधियों को चेताया कि इस तरह की उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
निजी बैंकों पर भी फूटा गुस्सा
ICICI बैंक, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा, और HDFC बैंक द्वारा योजना में न्यूनतम या शून्य ऋण वितरण पर भी मंडलायुक्त ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर निजी बैंक आगे भी इसी तरह असहयोगी रवैया अपनाते हैं, तो उनके साथ भविष्य में कोई सहयोग नहीं किया जाएगा।

अनुपस्थित प्रतिनिधियों पर कार्रवाई
यूको बैंक के आगरा, मथुरा और फिरोजाबाद के प्रतिनिधियों के अनुपस्थित रहने पर नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए। इंडियन बैंक के लगातार खराब प्रदर्शन पर बैंक के एमडी को पत्र लिखने के आदेश दिए गए।
आगामी 15 दिन तय करेंगे दिशा
बैठक के अंत में मंडलायुक्त ने निर्देश दिए कि सभी बैंक अगले 15 दिनों में प्रदर्शन में स्पष्ट सुधार लाएं। योजना का प्रचार-प्रसार गांवों, ब्लॉकों और तहसीलों में सक्रिय रूप से किया जाए, कैंप लगाए जाएं और लंबित आवेदनों का तुरंत निस्तारण कर शत-प्रतिशत ऋण वितरण सुनिश्चित किया जाए।उन्होंने यह भी कहा कि “इस वर्ष हमें पिछली बार की तुलना में दोगुना लक्ष्य प्राप्त करना है, इसके लिए हर स्तर पर समर्पित प्रयास जरूरी हैं।”