अवैध धर्मांतरण सिंडिकेट का पर्दाफाश: यूपी पुलिस ने 6 राज्यों से 10 आरोपी दबोचे, ISIS से कनेक्शन के संकेत
लखनऊ/आगरा। यूपी पुलिस ने एक बड़े अवैध धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में संचालित इस अभियान में यूपी एसटीएफ और एटीएस ने मिलकर 6 राज्यों से 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।अभियान “मिशन अस्मिता” के तहत यह कार्रवाई की गई, जिसका उद्देश्य जिहाद के नाम पर अंतरराष्ट्रीय फंडिंग प्राप्त करने वाले संगठित अपराधियों, रैडिकलाइजेशन, लव जिहाद और राष्ट्रीय सुरक्षा में सेंध लगाने वाले नेटवर्क का खात्मा है।

गिरफ्तार आरोपी:
- आयशा (उर्फ एस.बी. कृष्णा) – गोवा
- अली हसन (उर्फ शेखर रॉय) – कोलकाता
- ओसामा – कोलकाता
- रहमान कुरैशी – आगरा
- अब्बू तालिब – खालापार, मुजफ्फरनगर
- अबुर रहमान – देहरादून
- मोहम्मद अली – जयपुर, राजस्थान
- जुनैद कुरैशी – जयपुर
- मुस्तफा (उर्फ मनोज) – दिल्ली
- मोहम्मद अली – जयपुर
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यह सिंडिकेट विशेष रूप से कम उम्र की लड़कियों को प्रलोभन देकर, लव जिहाद और अन्य तरीकों से धर्मांतरण कराने में संलिप्त था। उनका modus operandi ISIS के सिग्नेचर स्टाइल से मेल खाता है। पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार आरोपियों के नेटवर्क के संबंध PFI, SDPI और पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से भी होने के संकेत मिले हैं।
पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार के नेतृत्व में कार्रवाई
आगरा पुलिस कमिश्नरेट की टीम ने विशेषज्ञ एजेंसियों—यूपी एसटीएफ और एटीएस—को अभियान में शामिल किया और जरूरत के मुताबिक अन्य राज्यों की पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित किया।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह रैकेट न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा था, बल्कि अंतरराष्ट्रीय जिहादी संगठनों से भी जुड़ा हुआ था।
मिशन अस्मिता का उद्देश्य
सरकार के इस विशेष मिशन का लक्ष्य ऐसे नेटवर्क को खत्म करना है, जो अवैध धर्मांतरण, डार्क वेब और कट्टरपंथी गतिविधियों के जरिए समाज में अस्थिरता फैलाने का प्रयास कर रहे हैं।
अभी इस मामले की जांच जारी है और पुलिस को उम्मीद है कि पूछताछ में और भी चौंकाने वाले खुलासे होंगे।