कभी पानी के लिए हुई थीं 2 हत्याएं, अब वहीँ मिलेगा 24 घंटे शुद्ध पेयजल – 450 करोड़ की योजना से ट्रांस यमुना-एत्मादपुर के 5 लाख लोगों को लाभ
केंद्रीय मंत्री एस.पी. सिंह बघेल, महापौर हेमलता दिवाकर और विधायक धर्मपाल सिंह ने बताया – 268 किमी नई पाइपलाइन, 11 ओवरहेड टैंक और MBBR-RO तकनीक से होगा जल शुद्धिकरण
आगरा।कभी जिस इलाके में पानी के लिए दो हत्याएं तक हो चुकी हैं, वहां अब पानी की समस्या का स्थायी समाधान होने जा रहा है।
अमृत 2.0 कार्यक्रम के तहत आगरा पेयजल पुनर्निर्माण योजना (ट्रांस यमुना जोन-1 व 2) को 412.94 करोड़ रुपये की मंजूरी मिल चुकी है।
इसके तहत यमुना नदी के पानी को शुद्ध करने के लिए अत्याधुनिक एडवांस वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (WTP) का निर्माण किया जाएगा।55 MLD क्षमता वाला यह प्लांट MBBR तकनीक, अल्ट्रा फिल्ट्रेशन, RO सिस्टम और डिसइन्फेक्शन प्रक्रिया से पानी को पूरी तरह साफ, सुरक्षित और पीने योग्य बनाएगा।
“बरसों से प्रतीक्षित यह समस्या अब खत्म होने जा रही है। यमुना पार के कई इलाकों में लोग पंप से पानी खरीदते थे।
गर्मियों में लंबी लाइनें, टैंकर, झगड़े और यहां तक कि हत्याएं भी पानी को लेकर हुईं।अब 412 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत होकर लागू हो रही है, जिससे 5 लाख लोग लाभान्वित होंगे।”–केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल
“आगरा वासियों के लिए यह बहुत बड़ी व्यवस्था है। कई बार नाव की सराय जैसे इलाकों में पानी को लेकर झगड़े और मुकदमे हुए हैं।अब 412 करोड़ की योजना मिली है, जिसमें 65 करोड़ रुपये रिलीज भी हो चुके हैं।मानसून सत्र के बाद पंद्रह दिन में काम शुरू होगा और इसका भूमि पूजन भी किया जाएगा।”-महापौर हेमलता दिवाकर कुशवाहा
“एत्मादपुर की जनता को बधाई क्योंकि पीने के पानी की सबसे बड़ी समस्या 18 महीने में दूर होगी।412 करोड़ रुपये के वॉटरवर्क के साथ 37 करोड़ रुपये की पाइपलाइन एत्मादपुर नगर पालिका तक जाएगी।यहां 55 MLD का MBBR प्लांट लगेगा, जो सिकंदरा की तर्ज पर होगा।11 ओवरहेड टैंक, 4 जलाशय और 268 किलोमीटर नई डिस्ट्रीब्यूशन लाइन बिछाई जाएगी।हमारा लक्ष्य है कि कोई भी घर ऐसा न बचे जहां नई लाइन न पहुंचे।”-विधायक धर्मपाल सिंह
इसके साथ ही एत्मादपुर नगर पालिका पेयजल आपूर्ति योजना को भी 37.72 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली है।
यहां भी यमुना के पानी को आधुनिक इंटेक प्रणाली से शुद्ध कर सप्लाई किया जाएगा।
दोनों योजनाओं के पूरे होने के बाद करीब 5 लाख लोगों को 24 घंटे शुद्ध पेयजल मिलेगा,
जिससे पानी की किल्लत और प्रदूषण की समस्या खत्म हो जाएगी।