दिल्ली-एनसीआर में देशी श्वानों के कैद का विरोध,आगरा में पशु प्रेमियों ने निकाली रैली
आगरा: दिल्ली और एनसीआर में भारतीय देसी श्वानों को कैद करने के फैसले के विरोध में रविवार को आगरा के पशु प्रेमियों ने नगर निगम से शहीद स्मारक तक शांतिपूर्ण रैली निकाली। इस अवसर पर लगभग 150 से अधिक पशु प्रेमियों और फीडर्स ने हिस्सा लिया।
रैली में शामिल पशु प्रेमियों ने “देशी श्वान हमारा है”, “एमसीडी का गड़बड़ घोटाला, श्वान हमारा नहीं भरेगा” जैसे नारों के जरिए अपनी असहमति जताई। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि श्वानों को कैद में रखना किसी समस्या का हल नहीं है और एमसीडी अपनी प्रशासनिक असफलताओं को इन मासूम जानवरों पर नहीं थोप सकता।
कैस्पर्स होम ट्रस्ट, पीएफए (पीपुल फॉर एनीमल), जीव आसरा संस्था और रुद्रा एनीमल वेलफेयर के सदस्यों ने भी रैली में भाग लिया। विनीता अरोड़ा (कैस्पर्स होम) ने कहा कि श्वानों का स्थान बदलना उनके लिए मानसिक और शारीरिक तनाव पैदा कर सकता है। उन्होंने एमसीडी से अपील की कि एबीसी (एनीमल बर्थ कंट्रोल) कार्यक्रम को प्राथमिकता दी जाए और गैरकानूनी ब्रीडिंग सेंटरों पर कड़ी कार्रवाई हो।
रैली के बाद सभी पशु प्रेमियों ने नगर आयुक्त को ज्ञापन सौंपा, जिसे पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय कुमार सिंह ने प्राप्त किया। उन्होंने बताया कि आगरा नगर निगम ने अभी तक किसी शेल्टर होम का निर्माण नहीं किया है, लेकिन पिछले तीन वर्षों में 60-70 हजार श्वानों पर एबीसी ऑपरेशन किए जा चुके हैं।
डॉ. सिंह ने आगे कहा कि हर साल 70 हजार श्वानों का रेबीज वैक्सीनेशन किया जा रहा है, जिससे रेबीज के मामले लगभग समाप्त हो गए हैं। इसके साथ ही, कैस्पर्स होम की मदद से जन जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। नगर निगम का लक्ष्य 2030 तक आगरा को रेबीज फ्री शहर बनाना और श्वानों की जनसंख्या नियंत्रण में रखना है।