डिजिटल अरेस्ट’ का जाल: करोड़ों की ठगी करने वाला गोल्ड मेडलिस्ट सॉफ्टवेयर इंजीनियर आगरा में दबोचा गया

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आगरा: स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की आगरा यूनिट ने एक बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए इसके सरगना अमित कुमार को गिरफ्तार किया है। हरियाणा के गुरुग्राम में रहने वाला यह आरोपी खुद को कंप्यूटर साइंस का गोल्ड मेडलिस्ट बताता है और ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर अमेरिका के नागरिकों को करोड़ों रुपये की ठगी कर रहा था।

ऐसे होता था ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर फ्रॉड

STF की जांच में सामने आया है कि अमित कुमार और उसका गिरोह अमेरिका में रहने वाले लोगों को निशाना बनाता था। ये लोग उन्हें ईमेल भेजकर या उनके कंप्यूटर स्क्रीन पर पॉप-अप विंडो के जरिए एक संदेश दिखाते थे। इस संदेश में कहा जाता था कि उनका कंप्यूटर किसी अवैध गतिविधि में शामिल है और उन्हें ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर लिया गया है। पीड़ित को डर दिखाकर उससे कहा जाता था कि इस समस्या को सुलझाने के लिए उसे तुरंत संपर्क करना होगा।जब पीड़ित उनसे संपर्क करता था, तो गिरोह के सदस्य खुद को सरकारी एजेंसियों के अधिकारी बताते थे। वे पीड़ित को भरोसा दिलाते थे कि वे उसकी मदद कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें कंप्यूटर का रिमोट एक्सेस देना होगा। एक बार जब रिमोट एक्सेस मिल जाता था, तो आरोपी पीड़ित के कंप्यूटर से सभी गोपनीय जानकारी, जैसे बैंक अकाउंट डिटेल्स और व्यक्तिगत फाइलें चुरा लेते थे। इसके बाद वे इस जानकारी का इस्तेमाल करके पीड़ित से लाखों रुपये ऐंठ लेते थे।

गोल्ड मेडलिस्ट से ठग तक का सफर

आरोपी अमित कुमार, जो मूल रूप से हरियाणा का रहने वाला है, उसने 2019 में गुड़गांव में एक सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंपनी शुरू की थी। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि वह कंप्यूटर साइंस में गोल्ड मेडलिस्ट है। लेकिन, जल्द ही उसने इस जानकारी और कौशल का गलत इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। उसने सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की आड़ में ही ठगी के इस रैकेट का जाल बुना। इस गिरोह का नेटवर्क सिर्फ गुरुग्राम तक सीमित नहीं था, बल्कि कोलकाता में भी उसके कुछ साथी मौजूद हैं। पुलिस के अनुसार, इस गिरोह ने अब तक 100 से अधिक अमेरिकी नागरिकों को ठगा है और करोड़ों रुपये की संपत्ति बनाई है।

पुलिस ने बरामद की बड़ी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस

एसटीएफ ने अमित कुमार के ठिकाने से 50 से अधिक मोबाइल फोन, कई लैपटॉप, हार्ड डिस्क और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए हैं। ये सभी डिवाइस इस ठगी के नेटवर्क को चलाने में इस्तेमाल किए जाते थे। इन डिवाइसों की जांच से और भी कई अहम खुलासे होने की उम्मीद है। Stf ने चेतावनी दी है कि लोग इस तरह के पॉप-अप और ईमेल से सावधान रहें और किसी भी अनजान व्यक्ति को अपने कंप्यूटर का रिमोट एक्सेस न दें।यह गिरफ्तारी साइबर अपराध के खिलाफ एसटीएफ की एक बड़ी सफलता है। पुलिस अब अमित कुमार के अन्य साथियों की तलाश कर रही है ताकि इस पूरे गिरोह का सफाया किया जा सके।

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