एसीपी का लखनऊ ट्रांसफर- रजिस्टर्ड गाईड़ो के लिए आपदा,लपको के लिए बना सुनहरा अवसर
आगरा। ताज सुरक्षा पुलिस के एसीपी अरीब अहमद का तबादला लखनऊ कमिश्नरेट में हो चुका है। पुलिस लाइन में वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें औपचारिक विदाई भी दे दी है, हालांकि अभी उनका रिलीव ऑर्डर जारी नहीं हुआ है। सिर्फ़ ट्रांसफर और विदाई की खबर ने ही ताजमहल परिसर की तस्वीर बदल दी है।
पिछले एक साल तक अरीब अहमद की सख्त कार्रवाई से जो फर्जी गाइड (लपके) लगभग भूमिगत थे, वे अब पूरी तरह बेखौफ होकर सक्रिय हो गए हैं। पश्चिमी गेट, पूर्वी गेट और शिल्पग्राम के आसपास 2,000 से ज़्यादा फर्जी गाइड रोजाना पर्यटकों को कम फीस या मनमाने सौदों का लालच देकर अपने साथ ले रहे हैं। पहले ताजमहल का भ्रमण कराया जाता है और फिर महंगे एंपोरियमों पर ले जाकर ऊंचे दामों पर खरीदारी करवाई जाती है, जहां से मोटा कमीशन वसूला जाता है।
आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक, ताजमहल में विदेशी और घरेलू पर्यटकों को घुमाने का अधिकार केवल 1,100 लाइसेंसधारी गाइडों को है। इनकी फीस तय है, लेकिन फर्जी गाइडों की बढ़ती मनमानी ने असली गाइडों की रोज़ी-रोटी पर गहरा असर डाला है।
रजिस्टर्ड गाइडों के लिए यह ट्रांसफर आपदा बनकर आया है, जबकि लपकों के लिए यह बड़ा अवसर साबित हो रहा है। गाइडों का कहना है कि एसीपी के पूरी तरह रिलीव होने से पहले ही पुलिस का दबाव खत्म होता दिख रहा है और प्रशासनिक कार्रवाई की रफ्तार धीमी पड़ गई है।
गाइडों की पीड़ा
गाइड :
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स्थानीय गाइडों का कहना है कि अगर जल्द ही प्रशासन ने दोबारा मजबूत अभियान नहीं चलाया, तो ताजमहल की साख और आगरा का पर्यटन कारोबार दोनों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।