आगरा में साइबर ठगी का बड़ा खुलासा: विदेशों में नौकरी दिलाने के नाम पर सात गिरफ्तार

आगरा।आगरा पुलिस ने शुक्रवार को एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो बेरोजगार युवाओं को विदेशों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी कर रहा था। थाना हरीपर्वत पुलिस ने इस गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए आरोपियों में दिल्ली और गाज़ियाबाद के रहने वाले लोग शामिल हैं। यह गिरोह बेरोजगार युवाओं से वीज़ा और पासपोर्ट बनाने के नाम पर मोटी रकम वसूलता था और नकली दस्तावेज़ सौंपकर फरार हो जाता था।
डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि पुलिस को एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें बताया गया था कि विदेशों में नौकरी और वीज़ा लगाने के नाम पर लोगों से पैसे लेकर धोखाधड़ी की जा रही है। जांच के दौरान पता चला कि यह कोई छोटा मामला नहीं बल्कि एक बड़ा संगठित नेटवर्क है। आरोपियों ने सत्यम कॉम्प्लेक्स में एसआई ओवरसीज नाम से फर्जी ऑफिस खोला था और फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब समेत सोशल मीडिया पर विज्ञापन देकर लोगों को अपने जाल में फंसा रहे थे।
गिरोह का तरीका
यह गिरोह सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर नौकरी के विज्ञापन डालकर इच्छुक युवाओं को आकर्षित करता था। जो लोग इनके संपर्क में आते, उनसे पासपोर्ट, आधार कार्ड, सीवी और मेडिकल प्रमाण पत्र मांगे जाते। उसके बाद उन्हें नकली ऑफर लेटर और वीज़ा दिए जाते, जिन पर अंतरराष्ट्रीय कंपनियों और दूतावासों की फर्जी मुहरें लगी होती थीं। इन दस्तावेज़ों के बदले युवाओं से लगभग पैंतालीस हजार रुपये प्रति व्यक्ति वसूले जाते थे। गिरोह ने किरायानामा भी डमी आईडी के आधार पर कराया था, ताकि उनकी असली पहचान उजागर न हो। ग्राहकों को भरोसा दिलाने के लिए महिला कर्मियों को सात से आठ हजार रुपये वेतन पर रिसेप्शन पर बैठाया जाता था।

बरामदगी और जब्ती
पुलिस ने आरोपियों के पास से भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज़ बरामद किए हैं। इनमें 351 नकली वीज़ा, 112 खाली पन्ने, कई फर्जी ऑफर लेटर और पासपोर्ट शामिल हैं। इसके अलावा एक होंडा अमेज कार, छह मोबाइल फोन, कंप्यूटर, प्रिंटर, लैपटॉप, नकली कंपनियों की सील और एटीएम कार्ड भी जब्त किए गए हैं। पुलिस अब इन बैंक खातों को फ्रीज करा रही है, जिनमें पीड़ितों से वसूले गए पैसे जमा किए जाते थे।

आरोपियों का नेटवर्क और इतिहास
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में अंकित गुप्ता, विजय कुमार, विशाल मेहता, राजेश शर्मा, नवनीत जैन, रजनीकांत उर्फ लल्ला और हेमंत शर्मा शामिल हैं। इनमें से अंकित गुप्ता को मास्टरमाइंड माना जा रहा है, जो पहले भी ठगी के मामलों में जेल जा चुका है। पुलिस का कहना है कि यह गिरोह देश के कम से कम बारह राज्यों में सक्रिय था। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, केरल, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, गुजरात और तमिलनाडु में यह गिरोह युवाओं को शिकार बना चुका है। हाल ही में कानपुर में भी इसने बड़ा फ्रॉड किया था। अनुमान है कि पूरे भारत में अब तक पंद्रह सौ से अधिक लोग इस गिरोह की ठगी का शिकार बन चुके हैं और ठगी की कुल राशि तीन करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है।
डीसीपी सोनम कुमार ने कहा कि जनता को ऐसे फर्जी जॉब ऑफर से सतर्क रहना चाहिए। अगर कोई संदिग्ध कंपनी नौकरी का लालच देकर दस्तावेज़ और पैसे मांगती है, तो तत्काल पुलिस को सूचना देनी चाहिए। पुलिस इस नेटवर्क को और गहराई से खंगाल रही है और ठगी के शिकार लोगों की पहचान की जा रही है। अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि यह गिरोह पहले भी आगरा में सक्रिय रह चुका है और जियान इंटरनेशनल व होली इंटरनेशनल नाम से फर्जी कंपनियां बनाकर ठगी कर चुका है। इस बार जब आरोपियों ने एसआई ओवरसीज के नाम से दफ्तर खोला तो पुलिस की निगरानी में उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया गया।