फर्जी लाइसेंस – जांच बीमार है साहब, दवा की जगह डॉक्टर बदल दिए गए!
फर्जी शस्त्र लाइसेंस की जांच इन दिनों खुद मरीज बनी हुई है। विवेचक साहब बीस दिन पहले बीमार पड़े और जांच भी उसी दिन से खटिया डालकर आराम फरमा रही है।
83 दिन हो गए, पर हालात ऐसे हैं कि हथियारों की जांच अभी तक बुखार से कांप रही है।लाइसेंस निरस्तीकरण खांसी में अटका हुआ है,और फाइलें सरकारी कुर्सियों पर ऑक्सीजन सपोर्ट पर पड़ी हैं।
हाईकोर्ट ने कहा था – “90 दिन में जांच पूरी करो।”
लेकिन यहां तो 83 दिन में भी जांच ने बिस्तर से उठने की कोशिश नहीं की। अब हालत देखकर लोग कह रहे हैं –
“लगता है साहब, जांच भी छुट्टी पर गई है।”
वादी ने शिकायत की तो अधिकारी बदल दिया गया। अब जनता ठहाके लगा रही है “बीमारी दूर करने की दवा नहीं मिली, हां डॉक्टर बदल गए।”
“यहां जांच नहीं, डॉक्टरों का ट्रांसफर ही असली इलाज है।”
आख़िरकार मामला लखनऊ एसटीएफ को पकड़ा दिया गया। लोग मज़ाक उड़ाते हुए बोले – “अब देखना है जांच को दवा मिलेगी या फिर लखनऊ में भी नया वार्ड और नया डॉक्टर!”