आगरा में नकली दवाओं पर शिकंजा: फव्वारा बाजार की तीन फर्मों पर छापा
गोगिया परिवार के ठिकानों से 12 नमूने लैब भेजे गए

आगरा।फव्वारा बाजार एक बार फिर औषधि विभाग की छापेमारी से हिल गया। गुरुवार देर रात तक चली इस कार्रवाई में गोगिया परिवार की तीन दवा फर्मों पर छापा मारा गया। औषधि विभाग की तीन टीमों ने अलग-अलग जगह कार्रवाई करते हुए 12 दवाओं के नमूने लिए। इनमें एंटीबायोटिक, दर्द निवारक, मल्टी विटामिन और खांसी की दवाएं शामिल हैं। सभी नमूने जांच के लिए लैब भेज दिए गए हैं।

औषधि विभाग को गोगिया परिवार की दवा फर्मों के खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इसके बाद मुख्यालय से तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए गए। सहायक औषधि आयुक्त अतुल उपाध्याय के निर्देश पर तीन टीमों का गठन हुआ।

पहली टीम ने नरेश गोगिया की राधे कृपा फार्मा पर छापा मारा और वहां से चार दवाओं के नमूने लिए। दूसरी टीम पंकज गोगिया की गोगिया मेडिकल एजेंसी और कुलदीप गोगिया की एनके इंटरप्राइजेज पर पहुंची, जहां से आठ दवाओं के नमूने लिए गए।

बाजार में अफरा-तफरी
जैसे ही छापेमारी शुरू हुई, पूरा फव्वारा बाजार सतर्क हो गया। कई दुकानदारों ने तुरंत शटर गिरा दिए। लोग इसे 22 अगस्त की उस कार्रवाई से जोड़कर चर्चा करने लगे, जब हे मां मेडिको और बंसल मेडिकल एजेंसी समेत पांच फर्मों से 72 करोड़ की दवाएं सीज की गई थीं।
कानपुर लिंक तलाश रही टीम
एसटीएफ और औषधि विभाग की टीम अब कानपुर कनेक्शन की भी तलाश कर रही है। जांच में सामने आया है कि गिरफ्तार कारोबारी ने कानपुर के तीन दुकानदारों को लाखों की नकली दवाएं सप्लाई की थीं। हालांकि अभी तक बरामद दवाओं के बैच नंबर कानपुर से मैच नहीं हुए हैं। ओडोक्सील 500 एमजी, बीटाडीन, ओडोक्सील 250 एमजी और ऑप्टिनेयरोन इंजेक्शन जैसी दवाओं के सैंपल कानपुर से भी जांच को भेजे गए हैं।

सात कंपनियों के स्टॉकिस्ट भी
प्रारंभिक जांच में यह बात भी सामने आई कि गोगिया परिवार की तीनों फर्म सात कंपनियों की स्टॉकिस्ट हैं। यानी इनके जरिए बड़े स्तर पर दवाओं की खरीद-बिक्री होती रही है। टीम अब इनके पूरे रिकॉर्ड की जांच कर रही है।

कार्रवाई में औषधि निरीक्षक नवनीत कुमार, कपिल शर्मा, फिरोजाबाद के देश बंधु और मैनपुरी के दीपक कुमार शामिल रहे। ये सभी देर रात तक रिकॉर्ड खंगालते रहे।