आगरा में एसटीएफ का बड़ा ऑपरेशन, लगभग 3 करोड़ की नकली दवाओं का जखीरा बरामद, हिमांशु अग्रवाल सहित छह आरोपी नामजद

आगरा। शहर में नकली दवाओं का काला कारोबार करने वालों पर एसटीएफ और औषधि विभाग की संयुक्त टीम ने शिकंजा कस दिया है। सोमवार को हुई कार्रवाई में टीम ने लगभग ढाई से तीन करोड़ रुपये की नकली दवाएं बरामद कीं। यह कार्रवाई गुप्त सूचना के आधार पर थाना कोतवाली क्षेत्र में की गई
एसटीएफ और ड्रग विभाग को जानकारी मिली थी कि बस्ती जनपद से अवैध तरीके से तैयार नकली दवाओं की सप्लाई की जा रही है। सूचना मिलते ही औषधि आयुक्त ने निर्देश जारी किए और एसटीएफ व औषधि विभाग की संयुक्त टीम गठित की गई।
रविवार देर रात टीम ने शहर में दबिश दी और एक कंटेनर ट्रक को रोका गया। तलाशी के दौरान ट्रक से 12 बड़े प्लास्टिक बोरे बरामद हुए, जिनमें भारी मात्रा में नकली दवाएं भरी हुई थीं। मौके पर मौजूद लोगों से पूछताछ की गई तो पूरा मामला सामने आ गया।
छह आरोपी नामजद

एफआईआर में जिन छह आरोपियों को नामजद किया गया है, उनके नाम यूनुस, वारिस, विक्की कुमार, सुभाष कुमार, हिमांशु और फरहान हैं। जांच में सामने आया है कि ये सभी आरोपी लंबे समय से मिलकर नकली दवाओं का नेटवर्क चला रहे थे। इनमें से कुछ आरोपी पहले भी संदिग्ध गतिविधियों में शामिल रह चुके हैं।
फर्जी बिल और कंपनियों का नेटवर्क
पकड़ी गई खेप के साथ कई इनवॉइस और ई-वे बिल भी बरामद हुए हैं। जांच में यह सामने आया कि ये दवाएं MS Logistics नामक ट्रांसपोर्ट और कुछ अन्य फर्जी कंपनियों के जरिए भेजी जा रही थीं। इन बिलों पर लखनऊ, कानपुर और बस्ती के पते दर्ज हैं। दवाओं के असली निर्माता कंपनियों से संपर्क करने पर पुष्टि हुई कि ये इनवॉइस और बैच नंबर फर्जी हैं।
बरामद खेप की कीमत शुरुआती अनुमान में ₹2.97 करोड़ बताई जा रही है। इनमें Allegra, Taxim, Parvati Traders और New Baba Pharma जैसी ब्रांडेड कंपनियों के नाम पर नकली दवाएं पैक की गई थीं।
जांच के घेरे में कई जिलों तक फैला नेटवर्क
एसटीएफ और औषधि विभाग की संयुक्त जांच में खुलासा हुआ है कि इन नकली दवाओं की सप्लाई सिर्फ आगरा ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के कई जिलों और आसपास के राज्यों तक की जा रही थी। इस नेटवर्क में कई थोक व्यापारी और फर्जी मेडिकल फर्मों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है।
एसटीएफ और ड्रग विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बरामद माल को जब्त कर लिया गया है और सभी इनवॉइस व ई-वे बिल की जांच की जा रही है। औषधि विभाग ने भी नकली दवाओं की पुष्टि की है। अधिकारियों का कहना है कि इस नेटवर्क को चलाने वाले आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
सहायक औषधि आयुक्त बस्ती नरेश मोहन ने बताया कि –
“बरामद की गई दवाएं पूरी तरह नकली हैं और मानव जीवन के लिए बेहद खतरनाक हो सकती हैं। इन दवाओं के इस्तेमाल से गंभीर दुष्प्रभाव पड़ सकते हैं। इसलिए इन्हें जब्त कर नष्ट करने की कार्रवाई की जा रही है।”
वहीं एसटीएफ इंस्पेक्टर यतेन्द्र शर्मा ने कहा –
“हमें गुप्त सूचना मिली थी कि बड़े स्तर पर नकली दवाओं की खेप आगरा लाई जा रही है। सूचना की पुष्टि होते ही टीम ने कार्रवाई की और करोड़ों रुपये की नकली दवाएं बरामद कीं। मामले में नामजद आरोपियों की तलाश की जा रही है और जल्द ही गिरफ्तारी होगी।”
एसटीएफ और औषधि विभाग अब फर्जी कंपनियों और उन व्यापारियों की जांच कर रहे हैं, जिनके जरिए यह खेप अलग-अलग जिलों में पहुंचाई जा रही थी। अधिकारियों का कहना है कि इस नेटवर्क में और भी लोग शामिल हो सकते हैं और आने वाले दिनों में बड़ी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।