एक करोड़ की रिश्वत प्रकरण: आगरा के व्यापारी हिमांशु अग्रवाल की जमानत मेरठ कोर्ट ने खारिज की

आगरा।एक करोड़ रुपये की रिश्वतखोरी के चर्चित मामले में आगरा के व्यापारी हिमांशु अग्रवाल को बड़ी राहत नहीं मिली। मेरठ की विशेष भ्रष्टाचार निवारण अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने माना कि आरोप गंभीर प्रकृति के हैं और अभी मामले की जांच पूरी नहीं हुई है, इसलिए आरोपी को रिहा करना उचित नहीं होगा।
दरअसल आगरा के कर्मयोगी इलाके के रहने वाले हिमांशु अग्रवाल पर आरोप है कि उन्होंने नकली दवाओं के रैकेट की जांच रोकने के लिए सरकारी अधिकारियों को एक करोड़ रुपये रिश्वत देने की कोशिश की थी।
22 अगस्त 2025 को औषधि विभाग, एसटीएफ और सीजीएसटी की संयुक्त टीम ने आगरा में उनकी फर्म “हे माँ मेडिको एजेंसी” पर छापा मारा था।
जांच के दौरान हिमांशु अग्रवाल ने कथित रूप से टीम को रिश्वत की पेशकश की। अधिकारियों का दावा है कि वह एस.एन. मेडिकल कॉलेज के पास पार्किंग स्टैंड में दो बैगों में नकद लेकर पहुंचे थे। वहां से टीम ने ₹1 करोड़ की नकदी बरामद की थी। पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी कराई गई थी।
हिमांशु अग्रवाल के वकील ने कहा कि यह रकम उनकी फर्म की व्यावसायिक नकदी थी, जिसे गलत तरीके से रिश्वत बताया गया।
उनका कहना था कि छापे के वक्त अभियुक्त का घटनास्थल से निकलकर इतनी बड़ी राशि जुटाना संभव नहीं था। बचाव पक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने जब्त रकम में से करीब ₹21 लाख का कोई हिसाब नहीं दिया।
अदालत ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद कहा कि हिमांशु पर लगे आरोप बेहद गंभीर हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि हिमांशु अग्रवाल या उनके वकील ने यह साबित करने के लिए कोई कैश बुक या रिकॉर्ड पेश नहीं किया कि यह रकम कारोबार से जुड़ी थी।
न्यायाधीश ने माना कि अभी तक किसी गवाह का बयान दर्ज नहीं हुआ है और अगर अभियुक्त को जमानत दी गई, तो वह साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर सकता है।
हिमांशु अग्रवाल 22 अगस्त से जिला कारागार में बंद हैं। कोर्ट ने साफ कहा कि परिस्थितियाँ जमानत के अनुकूल नहीं हैं। इसलिए उनकी नियमित जमानत याचिका निरस्त कर दी गई है।