NGT आदेश पर बाढ़ संभावित ज़ोन में 21,582 मुड्डी लगाने की योजना
NGT के आदेश पर बाढ़ संभावित ज़ोन में खंभे गाड़ने का काम तेज़, मार्च 2026 तक 21,582 खंभों का लक्ष्य
आगरा | डीएनए न्यूज़ ब्यूरो
उत्तर प्रदेश सरकार ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के निर्देश पर राज्य के बाढ़ संभावित ज़ोन में भौगोलिक सीमांकन का काम तेज कर दिया है। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा मार्च 2026 तक कुल 21,582 खंभे गाड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
किन जिलों में हो रहा है काम?
ज़िला | लक्ष्य (खंभे) |
---|---|
गौतमबुद्ध नगर | 404 |
अलीगढ़ | 100 |
मथुरा | 1806 |
आगरा | 16 |
हाथरस | 4 |
फिरोजाबाद | 2567 |
इटावा | 1544 |
औरैया | 1925 |
कानपुर नगर | 884 |
कानपुर देहात | 693 |
फतेहपुर | 1529 |
जालौन | 2373 |
कौशांबी | 988 |
बांदा | 1792 |
चित्रकूट | 1892 |
हमीरपुर | 1267 |
प्रयागराज | 1040 |
कुल | 21,582 |
चरणबद्ध कार्य योजना
- मई – जुलाई 2025: सर्वेक्षण व स्वीकृति
- अगस्त – सितंबर 2025: टेंडर प्रक्रिया व अनुबंध
- अक्टूबर 2025 – मार्च 2026: खंभे गाड़ने का कार्य
एनजीटी की निगरानी
राज्य सरकार के अधिवक्ता भंवर पाल सिंह जादोन ने NGT से 4 सप्ताह का समय मांगा है ताकि भौतिक सीमांकन और प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की जा सके।
पर्यावरणविद् का कहना है:
पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ.शरद गुप्ता का कहना है:
“बाढ़ संभावित क्षेत्रों की भौगोलिक सीमा को चिन्हित कर खंभे गाड़ना न केवल पर्यावरणीय प्रबंधन का एक अहम कदम है, बल्कि यह बेतरतीब अतिक्रमण और जल स्रोतों के क्षरण को रोकने में भी मदद करेगा। यह योजना यदि पारदर्शी तरीके से पूरी की जाती है, तो आने वाले वर्षों में यूपी के कई जिलों में बाढ़ की भयावहता को काफी हद तक कम किया जा सकेगा।”