आईजी बंगले की जमीन का सौदा: 12 करोड़ के फर्जीवाड़े में तहसील कर्मी से लेकर कारोबारी तक फंसे, शासन तक पहुंचा मामला

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आगरा। बालूगंज स्थित आईजी रेंज के सरकारी बंगले की जमीन का फर्जी सौदा अब बड़ा भू-माफिया घोटाला बनता जा रहा है। 12 करोड़ रुपये में हुए इस कथित सौदे का खुलासा होते ही शासन स्तर तक हड़कंप मच गया है। अब तक की जांच में सामने आया है कि जमीन पुलिस विभाग के अधिकार क्षेत्र में होते हुए भी उसका एग्रीमेंट दो बार किया गया। तहसीलकर्मियों द्वारा बिना मौके पर गए कब्जा दिखाकर नामांतरण कर दिया गया, जो अब उन्हें भारी पड़ने वाला है। मामले में डीआईजी स्तर तक जांच हो रही है और गैंगस्टर एक्ट लगाने की तैयारी की जा रही है।

सौदा और एग्रीमेंट की कहानी

जानकारी के अनुसार, कमला नगर निवासी सौरभ बंसल और ट्रांस यमुना कॉलोनी निवासी शाहिद रजा ने बालूगंज में स्थित आईजी रेंज बंगले की 6890 वर्गगज जमीन का एग्रीमेंट 12 करोड़ रुपये में किया था। यह एग्रीमेंट 25 जून 2024 को तहसील में रजिस्टर्ड हुआ था, जिसमें 30 लाख रुपये का बयाना भी ड्राफ्ट के माध्यम से दिया गया था। एग्रीमेंट के दस्तावेजों में दस विक्रेताओं के नाम शामिल हैं, जिनमें इकबाल खां, फिरोज खां, फैसल खां, दिलशाद खां, इरशाद खां, अजरा खां, अलीशा खां, अलीवा खां, हीबा खां और सना खां शामिल हैं।

चौंकाने वाली बात – पुलिस की ज़मीन का सौदा

यह पूरी जमीन दरअसल आईजी बंगले की चहारदीवारी के अंदर स्थित है, जो कि 1957 से पुलिस विभाग के नियंत्रण में है। ऐसे में जमीन पर कब्जा दिखाकर एग्रीमेंट होना और नामांतरण का हो जाना, एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। अधिकारियों के अनुसार, कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति इस भूमि पर प्रवेश नहीं कर सकता, फिर कब्जा और सौदा कैसे दिखा दिया गया?

तहसील कर्मियों पर संकट

नामांतरण प्रक्रिया में तहसील कर्मियों ने दावा करने वालों का ‘भौतिक कब्जा’ दर्शा कर नामांतरण कर दिया। जबकि न तो कोई कब्जा था और न ही बंगले की ओर से कोई नोटिस भेजा गया। इस प्रक्रिया ने सीधे-सीधे सरकारी नियमों और जमीन की स्थिति की अनदेखी की। अब तहसील के संबंधित अधिकारी और कर्मी जांच के दायरे में हैं।

मुकदमा दर्ज, लेकिन मकसद पर सवाल

इस पूरे मामले में खुद सौरभ बंसल ने धोखाधड़ी और अमानत में खयानत का मुकदमा दर्ज कराया है। उन्होंने कपिल अग्रवाल, सनी जैन और प्रशांत जैन को आरोपी बनाया, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से उन लोगों को नामजद नहीं किया जिन्होंने खुद उनके साथ जमीन का एग्रीमेंट किया था। पुलिस को नाई की मंडी थाने में दर्ज एक पुराने मुकदमे की भी जानकारी मिली है, जो इसी जमीन से जुड़ा है। उसमें सौरभ बंसल, इकबाल खां, इरशाद, फिरोज खां, फैसल खां, दिलशाद खां, शाहिद रजा सभी नामजद हैं।

डीआईजी और शासन गंभीर

डीआईजी शैलेष पांडे ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कहा है कि यह एक सुनियोजित भूमि घोटाला है। इस घोटाले में शामिल दोनों पक्षों के लोगों को जेल जाना तय है। तहसील कर्मियों पर भी कार्रवाई होगी। मंडलायुक्त और जिलाधिकारी को पहले ही इस मामले की पूरी जानकारी दी जा चुकी है।

यह है इस भूमि का खेल

बालूगंज स्थित यह भूमि करीब 6 बीघा 16 बिस्वा में फैली है। रिकॉर्ड में खेवट संख्या-15 के अंतर्गत पहले हबीब उर रहमान का नाम दर्ज था, बाद में नजूल भूमि के रूप में खलीलुल रहमान खां का नाम चढ़ाया गया। मार्च 2024 में वसीयत के आधार पर नामांतरण हुआ, जिसे तत्कालीन आईजी दीपक कुमार ने अगस्त 2024 में चुनौती दी और तहसीलदार न्यायिक को पत्र भेजकर नामांतरण निरस्त करने का आग्रह किया। अब यह नामांतरण निरस्त किया जा चुका है।

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