आगरा धर्मांतरण रैकेट पर एटीएस-आईबी की बड़ी कार्रवाई, मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान गिरफ्तार

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आगरा: धार्मिक धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश करने में एटीएस और आईबी को एक और बड़ी सफलता मिली है। दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके से अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया गया। छापेमारी में उसके घर से बड़ी संख्या में ऐसी किताबें बरामद हुई हैं जिनका इस्तेमाल ब्रेनवॉश करने में किया जाता था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान ही है। अब तक आगरा धर्मांतरण मामले में 11 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

1990 में हिंदू से मुसलमान बना, विदेश से फंडिंग का शक

अब्दुल रहमान मूल रूप से फिरोजाबाद का रहने वाला है और उसने 1990 में इस्लाम कबूल किया था। पुलिस को संदेह है कि उसका भतीजा, जो लंदन में रहता है, धर्मांतरण रैकेट के लिए विदेश से आर्थिक मदद भेजता है। इस नेटवर्क को तोड़ने के लिए एटीएस की टीमें दिल्ली और कोलकाता में दबिश दे रही हैं।

कुख्यात कलीम सिद्दीकी का शागिर्द

अब्दुल रहमान को जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे कलीम सिद्दीकी का करीबी माना जाता है। कलीम को एनआईए कोर्ट ने धर्मांतरण रैकेट चलाने के आरोप में सजा सुनाई थी। कलीम के जेल जाने के बाद अब्दुल रहमान ने उसके नेटवर्क को संभाल लिया। छापे के दौरान पुलिस ने हरियाणा की ममता नाम की एक युवती को भी बरामद किया, जिसे कथित रूप से धर्मांतरण के लिए लाया गया था।

‘जन्नत’ के नाम पर ब्रेनवॉश, छह सदस्य पहले हिंदू

अब तक गिरफ्तार किए गए 10 आरोपितों में से छह पहले हिंदू थे। पुलिस के मुताबिक, इनका ब्रेनवॉश कर उन्हें यह सिखाया गया था कि “जन्नत में जाने के लिए यह मिशन रुकना नहीं चाहिए।” यह गिरोह नए लोगों को जोड़ने की प्रक्रिया को “रिश्ते जोड़ना” कहता था और सोशल मीडिया को इसके लिए मुख्य हथियार बनाया गया था।

पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार का बयान

पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया, अब्दुल रहमान पहले हिन्दू था और 1990 में धर्म बदलकर मुस्लिम बन गया। फ़िरोज़ाबाद का रहने वाला रहमान लंबे समय से दिल्ली में रहकर नेटवर्क चला रहा था। एटीएस ने 2021 में कलीम सिद्दीकी को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद यह नेटवर्क पूरी तरह अब्दुल रेहमान ने संभाल लिया।अब्दुल रहमान इस पूरे धर्मांतरण रैकेट का मास्टरमाइंड है। जांच में विदेशी फंडिंग के सबूत मिले हैं। गिरफ्तारियां बढ़ सकती हैं और हमारी टीमें कई राज्यों में दबिश दे रही हैं।”

सगी बहनें कट्टरपंथ के जाल में फंसीं

सदर बाजार की रहने वाली दो बहनों से पूछताछ में सामने आया कि वे पूरी तरह कट्टर विचारधारा के प्रभाव में आ चुकी थीं। बड़ी बहन एमएससी जूलॉजी और एमफिल की पढ़ाई कर चुकी है। नेट की तैयारी के दौरान उसकी मुलाकात जम्मू-कश्मीर की साइमा उर्फ खुशबू से हुई, जिसने उसे “द केरल स्टोरी” जैसी कहानियों से प्रभावित किया। लॉकडाउन के दौरान मुलाकातें बंद होने के बावजूद ब्रेनवॉश जारी रहा और बड़ी बहन ने छोटी बहन को भी इस विचारधारा में खींच लिया।

छोटी बहन ने पूछताछ में बताया कि घर में पढ़ाई और घरेलू काम को लेकर हर समय डांट-फटकार से वह परेशान रहती थी। उसे लगा कि बड़ी बहन सही कह रही है और यह रास्ता उसकी जिंदगी का असली मकसद है।

जांच एजेंसियां सतर्क, और गिरफ्तारियों की संभावना

एटीएस, आईबी, एसटीएफ और पुलिस टीमें आरोपियों से गहन पूछताछ कर रही हैं। प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि इस नेटवर्क का विस्तार कई राज्यों में है और विदेशी फंडिंग से संचालित होता है। एजेंसियां आशंका जता रही हैं कि आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

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