ई-वाहन कलेक्शन अधिकारी बना ‘गबन मास्टर’ ,कंपनी ने दर्ज कराई FIR, पुलिस ने शुरू की जांच
आगरा। ई-चार्ज अप सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड में कार्यरत एक कलेक्शन अधिकारी ने कंपनी के साथ गबन कर डाला। आरोपी ने EMI के रूप में एकत्र की गई रकम में से ₹79,490 की राशि न तो कंपनी में जमा की और न ही किसी रिकॉर्ड में दर्शाई। जब आंतरिक ऑडिट में गड़बड़ी उजागर हुई, तो आरोपी ने आनन-फानन में इस्तीफा देकर फरार होने की कोशिश की। अब कंपनी की शिकायत पर जगदीशपुरा थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
आरोपी ने उठाया भरोसे का गलत फायदा:
कंपनी के डायरेक्टर मोहित पाल के मुताबिक, आरोपी कौशलेंद्र प्रताप सिंह NBFC विभाग में कार्यरत था और उसकी जिम्मेदारी थी कि वह ई-वाहन चालकों से लोन की मासिक किस्तें वसूले। लेकिन वह राशि कंपनी के खातों में जमा नहीं की गई।
ऑडिट में पकड़ी गई गड़बड़ी:
जून 2025 में हुई कंपनी की आंतरिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि रिपोर्ट की गई वसूली और वास्तविक जमा राशि में भारी अंतर है। ₹79,490 का हिसाब नहीं मिल रहा था।
बिना नोटिस छोड़ी नौकरी:
13 जून 2025 को कौशलेंद्र ने बिना किसी पूर्व सूचना के इस्तीफा दे दिया। इससे पहले वह कंपनी की पूछताछ और जांच से बचता रहा। कई बार ईमेल और फोन कॉल्स किए गए, लेकिन उसका कोई जवाब नहीं आया।
कंपनी को दिया सीधा आर्थिक नुकसान:
कंपनी ने अपने शिकायत पत्र में कहा है कि यह सिर्फ एक मामूली चोरी नहीं बल्कि एक भरोसे के साथ किया गया आपराधिक विश्वासघात, जालसाजी और ठगी है, जिससे कंपनी को आर्थिक और प्रतिष्ठान का नुकसान हुआ।
FIR दर्ज, जांच शुरू:
मोहित पाल की लिखित शिकायत के आधार पर जगदीशपुरा थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस अब आरोपी की गिरफ्तारी की दिशा में कार्रवाई कर रही है।