गुटबाजी के चलते सपा कार्यकर्ता ने पूर्व जिलाध्यक्ष समेत चार पर कराया जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज

आगरा।समाजवादी पार्टी की अंदरूनी गुटबाजी अब खुलकर सड़कों और एफआईआर तक पहुंच गई है। जिले और महानगर में वरिष्ठ नेताओं के बीच चल रही खींचतान बुधवार को उस वक्त बड़ी घटना में बदल गई, जब पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता ताजगंज निवासी सत्यभान यादव ने अपनी ही पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष राम सहाय यादव समेत चार लोगों पर जानलेवा हमला कराने का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज करा दिया।
पुलिस आयुक्त को सौंपा पत्र, मांगी सुरक्षा
थाना ताजगंज क्षेत्र के गांव बुढाना निवासी सत्यभान यादव ने पुलिस आयुक्त दीपक कुमार को पत्र सौंपकर कहा है कि उन्हें और उनके परिवार को जान का खतरा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीते पांच दिनों से उन्हें लगातार मोबाइल कॉल, व्हाट्सएप और सोशल मीडिया के माध्यम से धमकियाँ मिल रही हैं।
दो मोबाइल नंबरों से मिली धमकी
सत्यभान के अनुसार, 8 जुलाई को दो मोबाइल नंबरों से उन्हें धमकी भरे कॉल आए। आरोप है कि राम सहाय यादव, लखेन्द्र यादव उर्फ लख्खो, संदीप यादव और पवन यादव ने न सिर्फ उन्हें गाली-गलौज की, बल्कि जान से मारने की भी धमकी दी।
खेत में नकाबपोशों ने किया हमला
10 जुलाई की शाम करीब सात बजे, जब सत्यभान यादव अपने खेत पर थे, तभी चार अज्ञात नकाबपोशों ने उन पर हमला कर दिया। सत्यभान के मुताबिक, हमलावरों ने पीटते हुए कहा, “अगर राम सहाय यादव के सामने राजनीति की तो जान से हाथ धोना पड़ेगा।” किसी तरह वह जान बचाकर भाग निकले। हमलावर जाते-जाते चेतावनी देकर गए कि अगर पुलिस में शिकायत की तो उनके पूरे परिवार को जान से मार देंगे।
अखिलेश यादव से शिकायत के बाद बढ़ी रार
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी कार्यकर्ताओं ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से जिले और महानगर में बढ़ रही गुटबाजी को लेकर शिकायत की थी। इसके बाद पार्टी नेतृत्व ने दोनों कमेटियों को भंग कर दिया था। इस फैसले के बाद नेताओं के बीच अंदरूनी तनातनी और ज़्यादा तेज हो गई। आरोप है कि कुछ वरिष्ठ नेताओं ने अपने करीबी कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़वाने का लालच दिया, जिससे भीतर ही भीतर गहरी खाई बन गई।