धर्मांतरण गिरोह का बड़ा खुलासा: पुलिस ने बचाई देहरादून की रीना, जबरन निकाह की साजिश नाकाम
फेसबुक से दोस्ती, इस्लामिक ग्रुप में फंसाया, पैसों और दबाव से धर्म बदलवाया – ‘मरियम’ बना कर ले जाना चाहते थे सेफ हाउस
आगरा। देहरादून की 21 वर्षीय रीना (काल्पनिक नाम) ने शुक्रवार को अदालत में बयान देकर धर्मांतरण गैंग की परतें उधेड़ दीं। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से उसे उस गिरोह से बचा लिया गया, जो पैसों के लालच और मानसिक दबाव डालकर उसका धर्म बदलवाने और जबरन निकाह कराने की योजना बना रहा था।
छह साल पहले फेसबुक पर बुना गया जाल
रीना ने बताया कि वह छह साल पहले मुजफ्फरनगर निवासी अब्बू तालिब से फेसबुक पर दोस्त बनी। तालिब ने उसे “Revert to Islam” नामक इस्लामिक ग्रुप से जोड़ा, जहां उसकी मुलाकात दिल्ली के मुख्य आरोपी अब्दुल रहमान, उसके बेटे अब्दुल्ला और अब्दुल रहीम, देहरादून निवासी अब्दुर रहमान, एस.बी. कृष्णा उर्फ आयशा और रितबानिक उर्फ मौ. इब्राहिम से हुई।
पैसों का लालच, व्हाट्सऐप पर पढ़वाया कलमा
अब्बू तालिब उसका मोबाइल रिचार्ज कराता था, कपड़े और पैसे भेजता था, यहां तक कि नया मोबाइल भी आयशा ने दिलवाया। कुछ समय पहले अब्दुर रहमान ने रीना पर दबाव बनाया कि मदद तभी मिलेगी जब वह इस्लाम धर्म अपनाकर उससे निकाह करे। पैसों और दबाव में उसे व्हाट्सऐप पर कलमा पढ़वाया गया और नाम बदलकर मरियम रख दिया गया।
सेफ हाउस ले जाने की थी पूरी तैयारी
गिरोह की योजना थी कि रीना को देहरादून से निकालकर सेफ हाउस में पहुंचाया जाए। स्थानीय चालक की गाड़ी का इंतजाम कर उसे कहा गया कि घर से निकलने से पहले अपना मोबाइल और सिम तोड़कर फेंक दे। लेकिन आगरा पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए समय रहते रीना को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया।
नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचेगी पुलिस
रीना के बयान से मिले कई अहम सुरागों पर जांच जारी है। पुलिस की टीमें राजस्थान, दिल्ली, मध्य प्रदेश, झारखंड और महाराष्ट्र में दबिश दे रही हैं ताकि इस धर्मांतरण गिरोह की पूरी जड़ें उखाड़ी जा सकें।