पंजाबी विरासत का धर्मांतरण विरोधी बिगुल
आगरा। देशभर में बढ़ते धर्मांतरण के मामलों को लेकर पंजाबी विरासत परिवार (पंजाबी, सिख, खत्री, बहावलपुरी और मुल्तानी समाज) में गहरी चिंता और नाराजगी है। समाज का कहना है कि योजनाबद्ध तरीके से बेटियों को लालच, दबाव और बहकावे में फंसाकर धर्म बदलने पर मजबूर करना न केवल परिवार बल्कि संपूर्ण संस्कृति पर हमला है।

रविवार को आगरा कैंट स्थित पंजाब भवन में हुई पांच घंटे लंबी बैठक में समाज के प्रतिनिधियों ने इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाने का आह्वान किया। बैठक की अध्यक्षता पंजाबी विरासत परिवार के अध्यक्ष पूरन डावर ने की, जबकि गुरुद्वारा गुरु के ताल के मुखी संत बाबा प्रीतम सिंह मुख्य अतिथि रहे। समाज के नेताओं ने प्रशासन की कार्रवाई की सराहना की, जिसने हाल ही में योजनाबद्ध धर्मांतरण के जाल से दो बेटियों को मुक्त कराया।
महामंत्री बंटी ग्रोवर और मीडिया समन्वयक भूपेश कालरा ने बताया कि संगठित गिरोह लोभ, लालच, दबाव और जादू-टोना का सहारा लेकर बेटियों को धर्मांतरण के लिए मजबूर कर रहे हैं। इसे रोकने के लिए समाज में जागरूकता और एकजुटता जरूरी है।
बैठक में पारित प्रस्ताव:
- बच्चों के साथ संवाद बढ़ाने और उन्हें संस्कृति से जोड़ने की अपील
- धर्मांतरण कानून को और कड़ा करने तथा जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की मांग।
- सनातन बोर्ड की स्थापना और भारतीय संस्कृति आधारित शिक्षा पर जोर।‘
- स्कर्ट संस्कृति’ का विरोध और मंदिर-गुरुद्वारों में जाने की परंपरा को फिर से शुरू करने का आह्वान।
- विरासत परिवार द्वारा आगरा में अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने पर सहमति।

बैठक में कार्यकारी अध्यक्ष अनिल वर्मा, संरक्षक चरणजीत थापर, नरेंद्र तनेजा, वीर महेंद्र पाल सिंह, रानी सिंह सहित बड़ी संख्या में समाजजन मौजूद रहे। वक्ताओं ने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को इतिहास और संस्कारों से अवगत कराएं ताकि वे किसी भी षड्यंत्र का शिकार न बनें।