आगरा । आगरा कैंट रेलवे स्टेशन यात्रियों के लिए ‘सुरक्षित स्टेशन’ नहीं रहा। प्लेटफॉर्म से लेकर ट्रेन के डिब्बों तक अवैध वेंडरों का कब्ज़ा है। सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाली रेलवे सुरक्षा बल (RPF) पर ही इन माफियाओं को संरक्षण देने के गंभीर आरोप लगे हैं। यात्रियों की सेहत और भरोसा दोनों खतरे में हैं।

स्टॉल्स दिखावा, माफिया का असली खेल जारी

प्लेटफॉर्म नंबर 1 से 6 तक लगे आधिकारिक इंस्टॉल्स सिर्फ औपचारिकता साबित हो रहे हैं। इनके पीछे सैकड़ों अवैध वेंडर समोसा, पूरी, चाय और पेठा जैसी चीजें बेच रहे हैं। गुणवत्ता पर किसी तरह की जांच नहीं और यात्रियों की सेहत से खुलेआम खिलवाड़ जारी है।

मोबाइल नंबर से बंट रहे ‘ब्लाइंड पास’

सूत्रों के अनुसार 9675041952 नंबर से सैकड़ों वेंडरों को कथित ब्लाइंड पास जारी किए जाते हैं। इस नेटवर्क के केंद्र में RPF के एल… शर्मा का नाम उभरकर सामने आया है, जिसे पेठा माफिया का मुख्य सेतु बताया जा रहा है।

RPF की ‘खाकी’ बनी माफिया की ढाल

सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाली RPF पर ही माफियाओं को संरक्षण देने के आरोप हैं। यात्रियों का कहना है कि RPF के जवान न केवल इन अवैध वेंडरों को रोकने में असफल हैं बल्कि उन्हें बचाने में मददगार बन रहे हैं।

रेलवे प्रशासन की चुप्पी पर उठ रहे सवाल

रेलवे प्रशासन इस पूरे मामले पर मौन है। यात्रियों का कहना है कि स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था बुरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। सवाल यह है कि जब सुरक्षा बल ही माफिया का संरक्षक बन जाए तो यात्रियों की सुरक्षा कौन करेगा?

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