बिना साइबर ट्रेनिंग के अब नहीं मिलेगा SHO का पद
“डिजिटल दौर, डिजिटल दरोगा — साइबर क्राइम की ट्रेनिंग अनिवार्य”
आगरा, मानवेन्द्र मल्होत्रा ।आगरा पुलिस कमीशनरेट ने थाना स्तर पर कामकाज की दक्षता बढ़ाने के लिए बड़ा निर्णय लिया है। अब किसी भी पुलिस निरीक्षक को थाना प्रभारी (SHO) का चार्ज तभी दिया जाएगा, जब उसने साइबर क्राइम से संबंधित अनिवार्य ट्रेनिंग पूरी कर ली हो।
बढ़ते ऑनलाइन ठगी, सोशल मीडिया अपराध, डिजिटल धोखाधड़ी और फर्जी लेन-देन के मामलों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
डीसीपी सिटी सोनम कुमार के अनुसार अब बिना साइबर ट्रेनिंग के किसी अधिकारी को न तो थाने की कमान सौंपी जाएगी और न ही किसी साइबर क्राइम से संबंधित केस की जांच की जिम्मेदारी दी जाएगी।
तकनीकी दक्षता होगी अनिवार्य
पुलिस अधिकारियों को न केवल साइबर अपराध की बारीक समझ दी जाएगी, बल्कि उन्हें डार्क वेब, डिजिटल फॉरेंसिक, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग, फिशिंग लिंक, यूपीआई फ्रॉड और डेटा ट्रेसिंग जैसी महत्वपूर्ण तकनीकों की भी ट्रेनिंग दी जाएगी।
क्यों उठाया गया ये कदम?
हर दिन दर्जनों साइबर अपराध की शिकायतें थानों में पहुंच रही हैं। अधिकांश थाना प्रभारियों को तकनीकी समझ की कमी के कारण जांच में देरी हो रही थी, जिससे न केवल जनता की नाराजगी बढ़ रही थी बल्कि अपराधियों को भी समय मिल रहा था।
इन अधिकारियों पर लागू होगा आदेश
सभी नए निरीक्षक
ट्रांसफर/प्रमोशन पाने वाले अधिकारी
जिन थाना प्रभारियों की साइबर ट्रेनिंग पूरी नहीं हुई है