रसूखदार एंपोरियम संचालक विरोध करने वालों पर दबाव बनवाने और कार्रवाई करवाने में है सक्षम – गाइड
आगरा।पर्यटन नगरी आगरा में एंपोरियम संचालकों और गाइडों के बीच लंबे समय से चल रही खींचतान ने अब कानूनी मोड़ ले लिया है। बालाजी कॉटेज इंडस्ट्रीज के स्वामी आयुष गुप्ता की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत पर पुलिस ने एंपोरियम संचालक सचिन बंसल सहित छह गाइडों पर वसूली के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। वही पुलिस की इस कार्यवाही पर सवाल उठ गए है। कुछ दिन पूर्व विदेशी महिला पर्यटक से हुयी बदतमीजी के मामले मे इसी रसूखदार ऐम्पोरियम मालिक के खिलाफ कार्यवाही मे आनाकानी करती दिखाई पुलिस ऑडियो प्रकरण मे तत्काल एम्पोरियम स्वामी की तहरीर पर कार्यवाही करती दिखाई दी। और तो और दो एम्पोरियम संचालको के वायरल ऑडियो मे एक संचालक द्वारा सिर्फ गाइड़ो के नाम लिए जाने भर से अप्रूव्ड गाइड़ो को मुकदमे मे नामजद किया गया है। जबकि गाइड़ो के खिलाफ ऑडियो या कोई अन्य साक्ष्य मौजूद नहीं है।
मामला उस समय चर्चा में आया जब सचिन बंसल का एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें वह कथित रूप से आयुष गुप्ता से विवाद निपटाने के नाम पर पैसों की मांग कर रहे हैं। यह ऑडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पर्यटन थाने में प्राथमिकी दर्ज की।
गौरतलब है कि इससे पहले गाइड राहुल शर्मा ने एंपोरियम स्वामी आयुष गुप्ता पर विदेशी पर्यटक दंपति से अभद्रता और गाली-गलौज के गंभीर आरोप लगाए थे। इस संबंध में पर्यटक दंपति की भी शिकायत सामने आई थी, लेकिन आयुष गुप्ता के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, जिससे सिस्टम की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
चौंकाने वाली बात यह है कि अब उस गाइड राहुल शर्मा पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसने पहले पर्यटक की ओर से शिकायत दर्ज कराई थी। इसे लेकर पर्यटन क्षेत्र में यह चर्चा तेज हो गई है कि रसूखदार एंपोरियम संचालक विरोध करने वालों पर दबाव बनवाने और कार्रवाई करवाने में सक्षम हैं।
सूत्रों के अनुसार, यह कोई पहला मामला नहीं है जब रसूखदार शोरूम संचालक के खिलाफ आवाज उठाने पर उल्टा कार्यवाही हुई हो। पूर्व में एक पत्रकार द्वारा एंपोरियम के खिलाफ खबर प्रकाशित करने पर उस पर भी फर्जी शिकायत दर्ज कराई गई थी।
फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या पर्यटन विभाग और स्थानीय प्रशासन इस रसूखदार नेटवर्क के दबाव से बाहर निकलकर निष्पक्ष कार्रवाई कर पाएंगे? या फिर सिस्टम इसी तरह दबाव में झुकता रहेगा?
Isme guido ka koi metter nahi wah apne bachho ko paal rahe hai koi tankhwah to hai nahi mehanat majdoore karke garmi barsat sardi me apne pariwar ka jeewan yapan kar rahe hai..kyo kise ko itna wewajah pratadit kiya jaa raha hai sabhi guide ka isme koi bhi len den nahi wo saw nirdosh hai…aur koi isme involve nahi… Jispe karyawahi honi chahiye uspe to ho nahi rahi…bechare kamjor mehanati majdooro ko wewajah fasane ki koshish ki jaa rahi hai…