ताजमहल के पास धड़ल्ले से अवैध निर्माण, सुप्रीम कोर्ट आदेशों की अनदेखी में अफसरशाही मौन

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ताजमहल के पास टीन शेड लगाकर अवैध निर्माण, सुप्रीम कोर्ट आदेशों की उड़ रही धज्जियां

आगरा | ताजमहल की खूबसूरती और ऐतिहासिक धरोहरों को बचाने के दावे करने वाली अफसरशाही ही इन्हें खोखला कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद ताजमहल के 500 मीटर दायरे में धड़ल्ले से अवैध निर्माण हो रहे हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो ने अधिकारियों की लापरवाही की पोल खोल दी है। वीडियो में ताजगंज क्षेत्र के तांगा स्टैंड के पास रात के अंधेरे में टीन शेड लगाकर निर्माण कार्य चलता हुआ साफ देखा जा सकता है।

2022 संबंधित विभागों की अनदेखी से लगातार चल रहा है अवैध निर्माण पर नहीं होती कार्यवाही

शिकायतों और एफआईआर के बाद भी कार्रवाई ठप

पुरातत्व विभाग (ASI) के सहायक संरक्षक प्रिंस वाजपेयी ने बताया कि सुनील राठौर नाम के व्यक्ति द्वारा बार-बार अवैध निर्माण किए जा रहे हैं। इस मामले में पहले भी 2021 और 2023 में थाना ताजगंज में एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। प्रशासन ने निर्माण को सील कर दिया था और ध्वस्तीकरण के आदेश भी जारी हुए थे। हाल में दो बार नोटिस भेजे गए और पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार को पत्र भी लिखा गया, लेकिन अवैध निर्माण पर अंकुश नहीं लग पाया।

2022 मे सुनील राठौर के अवैध निर्माण को सील करते हुए कर्मी

सात साल में 248 अवैध निर्माण

एएसआई के रिकॉर्ड बताते हैं कि 2015 से 2022 तक ताजमहल के 500 मीटर दायरे में कुल 248 अवैध निर्माण हुए, जिनमें से 100 निर्माण 300 मीटर की परिधि में ही हैं। इनमें कई रेस्टोरेंट, दुकानों और मकानों ने टीन शेड डालकर नियमों की धज्जियां उड़ाई हैं।

दबंगई और मिलीभगत से पनप रहा अवैध निर्माण

सूत्रों के मुताबिक, सपा के पूर्व पार्षद सुनील राठौर के इस निर्माण पर कार्रवाई सत्ता के कुछ लोगों के वरदहस्त के चलते नहीं हो पा रही है। सरकारी रिकॉर्ड में यह जगह आज भी सील बताई जाती है, मगर हकीकत में यहां दो मंजिला इमारत खड़ी करने की तैयारी चल रही है। सवाल ये है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने साफ आदेश दिए हैं कि ताजमहल के 500 मीटर दायरे में कोई निर्माण नहीं होगा, तो आखिरकार अफसरशाही किसके इशारे पर आंख मूंदे बैठी है?

एएसआई एक्ट में है सजा का प्रावधान

प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल एवं अवशेष संशोधन एवं विधिमान्यकरण अधिनियम, 2010 के अनुसार किसी भी संरक्षित स्मारक की 100 मीटर की परिधि “प्रतिषिद्ध क्षेत्र” कहलाती है। इसमें किसी भी तरह का निर्माण कार्य या उत्खनन नहीं किया जा सकता।
सौ मीटर की परिधि के बाहर 200 मीटर के दायरे को “विनियमित क्षेत्र” कहा जाता है, जहां निर्माण कार्य केवल सक्षम अधिकारी की अनुमति से ही संभव है। आगरा में सक्षम अधिकारी मंडलायुक्त हैं।

इस प्रावधान का उल्लंघन करने पर दो वर्ष की सजा, एक लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। वहीं ताजमहल की 500 मीटर परिधि में सर्वोच्च न्यायालय ने विशेष तौर पर निर्माण पर रोक लगा रखी है। इसके बावजूद अवैध निर्माण बेखौफ जारी हैं।

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