आगरा में कुसुम एमआरसी आयुर्वेदा का शुभारंभ, डीआईजी शैलेश कुमार पांडे ने किया उद्घाटन

0

 
आगरा। प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद आज आधुनिक युग में फिर से अपनी उपयोगिता सिद्ध कर रही है। जहां एलोपैथिक दवाओं के दुष्प्रभाव से लोग परेशान रहते हैं, वहीं आयुर्वेद प्राकृतिक औषधियों और पंचकर्म चिकित्सा से न केवल रोगों का इलाज करता है बल्कि शरीर को संतुलित व स्वस्थ बनाए रखने पर भी जोर देता है। इसी वजह से देश और विदेश में आयुर्वेद का रुझान तेजी से बढ़ रहा है। इसी क्रम में गुरुवार को आगरा के कमला नगर, पानी की टंकी रोड पर कुसुम एमआरसी आयुर्वेदा (एमआरसी आयुर्वेद रिसर्च सेंटर, वृंदावन की शाखा) का भव्य शुभारंभ किया गया।


भव्य कार्यक्रम में डीआईजी और एसपी रहे मुख्य आकर्षण

उद्घाटन के मुख्य अतिथि डीआईजी आगरा शैलेश कुमार पांडे एवं विशिष्ट अतिथि एसपी एसटीएफ राकेश जी रहे। कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार के बीच डॉ. अभिषेक शर्मा ने अतिथियों का स्वागत कर की। इसके बाद डीआईजी ने फीता काटकर आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र का उद्घाटन किया।


पंचकर्म से जड़ से होगा रोगों का निवारण

केंद्र की पंचकर्म विशेषज्ञ डॉ. तपस्या शर्मा ने बताया कि पंचकर्म चिकित्सा पुरानी से पुरानी बीमारियों में भी कारगर है।

उन्होंने कहा— “जब शरीर में वात, पित्त और कफ दोष बिगड़ जाते हैं, तो पंचकर्म द्वारा उनका शोधन किया जाता है। यही कारण है कि यह चिकित्सा रोगों को जड़ से खत्म करने में सक्षम है।”


आयुर्वेदिक औषधियां बिना साइड इफेक्ट के

संस्थान की आयुर्वेदिक फिजिशियन डॉ. प्रिया गुप्ता ने बताया कि आयुर्वेदिक औषधियां बिना किसी साइड इफेक्ट के शीघ्र असर दिखाती हैं।

उन्होंने कहा कि इन औषधियों से कई रोगों का समाधान संभव है और यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाती हैं।


विश्व रिकॉर्डधारी क्षारसूत्र विशेषज्ञ

क्षार सूत्र सर्जन डॉ. अभिषेक शर्मा ने अवलोकन कराते हुए बताया कि पाइल्स, फिस्टुला, फिशर जैसे गुदा रोगों में क्षारसूत्र चिकित्सा विश्व की सर्वोत्तम पद्धति है।

उन्होंने कहा— “हम एमआरसी थेरेपी के जरिए मरीज को अर्थ-बेहोशी की अवस्था में ले जाते हैं। इस स्थिति में मरीज को दर्द का अनुभव नहीं होता और बिना किसी परेशानी के क्षारसूत्र चिकित्सा की जाती है।”

इसी अनूठी तकनीक के लिए डॉ. अभिषेक शर्मा का नाम विश्व रिकॉर्ड में दर्ज है।


आईजी ने की सराहना

संस्थान का भ्रमण करने के बाद डीआईजी शैलेश कुमार पांडे ने कहा— “कुसुम एमआरसी आयुर्वेदा पूरी तरह आयुर्वेद को समर्पित है। यहां स्वच्छता, समर्पण और चिकित्सा का दिव्य भाव झलकता है।”


कार्यक्रम में अनेक गणमान्य हुए शामिल

इस अवसर पर साइबर क्राइम प्रभारी आगरा जोन शैलेश जी, थाना अध्यक्ष कमला नगर सुनीत शर्मा, अंकित अग्रवाल, कीर्ति अग्रवाल, कुसुम लता, सम्राट गुप्ता, हरीश बंसल, रुचि बंसल, ओजस शर्मा सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे।


👉 क्या है पंचकर्म?

  • पंचकर्म आयुर्वेद की विशेष चिकित्सा पद्धति है।
  • इसमें शरीर का शोधन कर दोषों (वात, पित्त, कफ) को संतुलित किया जाता है।
  • डायबिटीज़, जोड़ों का दर्द, मोटापा, अस्थमा और त्वचा रोगों में कारगर।

👉 क्षारसूत्र चिकित्सा के फायदे

  • पाइल्स, फिस्टुला, फिशर जैसी गुदा बीमारियों में प्रभावी।
  • बिना चीरा और बिना टांके का उपचार।
  • रोगी जल्दी ठीक होता है और जटिलताएं कम होती हैं।
  • दर्द रहित और सुरक्षित पद्धति।

👉 आयुर्वेद क्यों है खास?

  • प्राकृतिक औषधियां, बिना साइड इफेक्ट।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर जोर।
  • मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक संतुलन।
  • दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed