बंसल मेडिकल पर जीएसटी छापा: फर्जी आईटीसी क्लेम और बिलिंग में बड़ा घोटाला

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मानवेंद्र मल्होत्रा

आगरा। ताजनगरी का दवा बाजार एक बार फिर विवादों में आ गया है। जीएसटी विभाग ने फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) क्लेम और बिलिंग हेरफेर के बड़े खेल का भंडाफोड़ किया है। ड्रग विभाग से मिले इनपुट पर विभाग ने तीन दवा फर्मों पर छापेमारी की। इनमें सबसे गंभीर मामला बंसल मेडिकल एजेंसी का निकला, जिस पर करोड़ों रुपये का गड़बड़झाला सामने आया है।ड्रग विभाग से मिली जानकारी के आधार पर जीएसटी विभाग ने तीन दवा फर्मों पर कार्रवाई की है। इनमें से दो फर्में सेंट्रल जूरिडिक्शन में आती हैं, जबकि एक फर्म बंसल मेडिकल एजेंसी स्टेट जूरिडिक्शन के तहत है

मुख्य बिंदु

  • जीएसटी विभाग की कार्रवाई: तीन दवा फर्मों पर छापा
  • बंसल मेडिकल एजेंसी: कैंसिल मुंबई फर्म से खरीद दिखाकर आईटीसी क्लेम
  • करीब ₹22 लाख का फर्जी आईटीसी क्लेम
  • लगभग ₹1.10 करोड़ का स्टॉक डिफरेंस
  • नोटिस जारी कर टैक्स-पेनल्टी वसूली की तैयारी

मुंबई की कैंसिल फर्म से खरीदी दिखाकर आईटीसी क्लेम

जीएसटी असिस्टेंट कमिश्नर पंकज गांधी ने बताया कि बंसल मेडिकल एजेंसी ने अप्रैल 2025 में मुंबई की एक फर्म से दवाइयाँ खरीदी दिखाईं। लेकिन जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ—मुंबई की वह फर्म खरीदारी के बाद रद्द (कैंसिल) हो चुकी थी। इसके बावजूद एजेंसी ने उसी पर आईटीसी क्लेम कर दिया।

जांच में चौंकाने वाले आंकड़े

  • करीब 22 लाख रुपये का फर्जी आईटीसी क्लेम
  • लगभग 1 करोड़ 10 लाख रुपये का स्टॉक डिफरेंस

असिस्टेंट कमिश्नर पंकज गांधी ने साफ कहा—

“बंसल मेडिकल एजेंसी ने कैंसिल फर्म से खरीदी दिखाकर आईटीसी क्लेम किया। जांच में भारी स्टॉक डिफरेंस भी मिला है। अब टैक्स और पेनल्टी की कार्रवाई तय है।”

विभाग की अगली कार्रवाई

जीएसटी विभाग ने कहा है कि बंसल मेडिकल एजेंसी समेत अन्य फर्मों को नोटिस भेजा जाएगा। उनका पक्ष सुनने के बाद नियमों के मुताबिक टैक्स और पेनल्टी की वसूली की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि फर्जी आईटीसी क्लेम और टैक्स चोरी पर सख्त रवैया अपनाया जाएगा।

यह पहला मौका नहीं जब आगरा का दवा बाजार विवादों में आया हो। पहले भी नकली/घटिया दवाओं की सप्लाई और फर्जी बिलिंग के मामलों में जांच होती रही है। माना जाता रहा है कि आईटीसी क्लेम और बिलिंग के जरिये यहाँ करोड़ों का हेरफेर होता है।

बड़ा सवाल

क्या यह फर्जीवाड़ा सिर्फ बंसल मेडिकल एजेंसी तक सीमित है, या आगरा के दवा बाजार में और भी बड़ी साज़िश छुपी है?

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