नकली और नशीली दवाओं से आगरा दवा मंडी बदनाम, व्यापारियों में चिंता

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एसोसिएशन अध्यक्ष आशीष शर्मा बोले – ईमानदार व्यापार से ही साख बचेगी, डिस्काउंट की होड़ पर लगे विराम


आगरा।लगातार सामने आ रहे नकली और नशीली दवाओं के मामलों ने आगरा की दवा मंडी को बदनामी के भंवर में धकेल दिया है। हालात ऐसे बन गए हैं कि शहर की पहचान रही यह मंडी अब गलत वजहों से सुर्खियों में है। इस स्थिति ने दवा कारोबारियों की चिंता बढ़ा दी है, जिसके चलते अब केमिस्ट एसोसिएशन ने एकजुट होकर कदम उठाने की अपील की है।

एसोसिएशन अध्यक्ष आशीष शर्मा ने कहा कि सस्ती दवाइयों के लालच में बिना बिल या अधूरे बिल का सामान खरीदना सीधे तौर पर माफियाओं को ताकत देता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जो व्यापारी टैक्स अदा करता है, वही वास्तव में जनता के लिए सड़क, बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं में योगदान देता है। ऐसे में गलत खरीद-फरोख्त न सिर्फ व्यापार को नुकसान पहुंचाती है बल्कि पूरे समाज की सुरक्षा के लिए भी खतरा बन जाती है।

उन्होंने याद दिलाया कि कोरोना संकट के दौर में दवा व्यापारियों ने मानव सेवा की मिसाल कायम की थी। समाज को उस त्याग और सेवा भाव को कभी नहीं भूलना चाहिए। अब समय आ गया है कि वही एकजुटता और जिम्मेदारी फिर से दिखाई जाए, ताकि आगरा के दवा बाजार पर लगे दाग को मिटाया जा सके और व्यापार की साख वापस लौटे।

फुटकर दवा विक्रेताओं को संबोधित करते हुए आशीष शर्मा ने कहा कि डिस्काउंट देने की होड़ को खत्म करना जरूरी है। उनके अनुसार, यही प्रवृत्ति व्यापारियों को सस्ते माल की ओर धकेलती है और नकली दवाओं का जाल फैलाती है। उन्होंने विश्वास जताया कि यदि व्यापारी दृढ़ संकल्प के साथ इस दिशा में कदम उठाएं तो माफियाओं का नेटवर्क कमजोर होगा और आगरा की दवा मंडी एक बार फिर ईमानदारी और विश्वास की मिसाल बनेगी।

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