आगरा बना नकली दवाओं का गढ़: ड्रग माफिया का खौफनाक साम्राज्य

0

Maanvendar Malhotra

आगरा, उत्तर प्रदेश: ताजमहल की नगरी अब सिर्फ पर्यटन ही नहीं, बल्कि नकली दवाओं और ड्रग माफिया के गढ़ के रूप में भी चर्चा में है। एसटीएफ की हाल की कार्रवाई में शहर के गोदामों से करोड़ों रुपये की नकली दवाएं जब्त हुई हैं, और यह केवल शुरुआत है। विशेषज्ञों का कहना है कि आगरा में नकली दवाओं का कारोबार इतना संगठित और बड़ा हो चुका है कि इसे रोक पाना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।

करोड़ों रुपये की नकली दवाओं का खुलासा

22 अगस्त को फुव्वारा चौक पर हेमा मेडिकल स्टोर और बंसल मेडिकल एजेंसी पर एसटीएफ ने छापा मारा। जांच के दौरान हेमा मेडिकल स्टोर के गोदाम से लगभग 2.5 करोड़ रुपये की नकली दवाएं जब्त हुईं। इस दौरान स्टोर मालिक ने 1 करोड़ रुपये की रिश्वत देने की कोशिश की, लेकिन एसटीएफ ने उसे रंगे हाथ पकड़ा।

विशेषज्ञों के अनुसार, आगरा में रोजाना मानसिक रोगों, दर्द और नींद की दवाओं की अवैध बिक्री लगभग 25 लाख रुपये तक होती है। वहीं नशीले पदार्थों का कारोबार इसके तीन गुना है।

क्यों आगरा बन रहा ड्रग माफिया का गढ़?

  • मानसिक रोगों का केंद्र: शहर में प्रसिद्ध मानसिक रोग अस्पताल की वजह से नींद, एंटी-डिप्रेशन और दर्द निवारक दवाओं की भारी मांग है। माफिया इसी मांग का फायदा उठाकर नकली दवाएं बेचते हैं।
  • पर्यटन और सड़क मार्ग: आगरा में भारी संख्या में विदेशी पर्यटक आते हैं, और सीमावर्ती राज्यों से बेहतर कनेक्टिविटी के कारण दवाओं की तस्करी आसान हो जाती है।
  • नकली लाइसेंस और सप्लाई चैन: मल्टी-स्टेट ‘लोन लाइसेंस’ और थर्ड-पार्टी मैन्युफैक्चरिंग की आड़ में गिरोह सक्रिय हैं।

पिछले वर्षों की बड़ी कार्रवाई

  • 2025: ताजगंज में NDPS टीम ने अवैध दवाओं का गोदाम पकड़ा।
  • 2024: शास्त्रीपुरम में जानवरों की नकली दवा फैक्ट्री, सिरप बनाने की फैक्ट्रियां।
  • 2022: हिमाचल प्रदेश में पकड़ी गई फैक्ट्री के तार आगरा से जुड़े।
  • 2021: आवास विकास कॉलोनी में नकली और एक्सपायर्ड दवाओं की री-पैकिंग।
  • 2018-2019: अंतरराष्ट्रीय गिरोह और बड़े भंडार पकड़े गए।

समाधान की राह

  1. एंड-टू-एंड ट्रैसेबिलिटी: हर दवा पर डिजिटल कोड, जिसे उपभोक्ता स्कैन कर प्रामाणिकता जांच सके।
  2. रियल-टाइम निगरानी: पुलिस, ड्रग विभाग और केमिस्ट संघ के बीच त्वरित सूचना आदान-प्रदान।
  3. संयुक्त कमांड-चेन: नकली दवाओं पर तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित करना।

यह देखना बाकी है कि प्रशासन इन चुनौतियों से कैसे निपटता है और क्या आगरा को नकली दवाओं के इस जहरीले नेटवर्क से पूरी तरह मुक्त कराया जा सकेगा।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed