आगरा में 3.25 करोड़ का जीएसटी घोटाला, फर्जी पंजीकरण से पास ऑन हुआ बोगस आईटीसी
मुख्य बातें
- फर्जी दस्तावेजों से एल.एस. एंटरप्राइजेज का GST पंजीकरण।
- बिना वास्तविक कारोबार के बोगस इनवॉइस; ~₹3.25 करोड़ ITC पास ऑन।
- सहायक आयुक्त (डिवीजन-07) की तहरीर पर FIR, लोहामंडी थाना।
- जून 2025 के GSTR-1/GSTR-3B अलग-अलग IP से दाखिल—गिरोह की आशंका
आगरा। ताजनगरी में टैक्स चोरी और फर्जीवाड़े का बड़ा मामला सामने आया है। एल.एस. एंटरप्राइजेज नाम की फर्म ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जीएसटी पंजीकरण करा लिया। इसके बाद बिना किसी असली कारोबार के बोगस इनवॉइस जारी किए गए। फर्जी इनवॉइस के जरिये करीब ₹3.25 करोड़ का इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) अलग-अलग कंपनियों को पास ऑन कर दिया गया।
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब सहायक आयुक्त राज्य कर, डिवीजन-07, अरुण शुक्ल ने जांच के बाद तहरीर दी। इसके आधार पर लोहामंडी थाने में एफआईआर दर्ज की गई।
मालिक निकला सिक्योरिटी गार्ड
फर्म का मालिक लोकेश सिंह, निवासी देवग्राम पथ, रायभा (आगरा) है। लेकिन वह अहमदाबाद में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता है। विभाग ने जब संपर्क किया तो उसने साफ कहा कि उसने कोई पंजीकरण नहीं कराया है।
भौतिक सत्यापन के दौरान टीम को मौके पर कोई कारोबार नहीं मिला। पड़ोसियों के अनुसार, वहां कभी कोई व्यापारिक गतिविधि हुई ही नहीं।
दिल्ली की कई फर्में जांच के घेरे में
जांच में सामने आया कि इस फर्जी फर्म के जरिए दिल्ली की कई कंपनियों को बोगस आईटीसी पास ऑन किया गया। इनमें यादव एंटरप्राइजेज, कृष्णा एंटरप्राइजेज, डिजी सॉल्यूशन हब, जनिटेक्नोलॉजी एंटरप्राइजेज जैसी फर्में शामिल हैं। आरोप है कि फर्जी इनवॉइस के जरिए करोड़ों रुपये के टैक्स का खेल खेला गया और सरकार को भारी राजस्व नुकसान हुआ।
आईपी एड्रेस से हुआ खुलासा
जून 2025 के GSTR-1 और GSTR-3B रिटर्न फर्जी फर्म से अलग-अलग IP एड्रेस से दाखिल पाए गए। इससे साफ संकेत मिलता है कि इसके पीछे कोई संगठित गिरोह काम कर रहा है
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