सर यहां पार्किंग नहीं है’ से शुरू होती है ठगी: आगरा में टूरिस्ट स्कैम एक्सपोज़

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आगरा। ताजमहल की ओर आने वाले हजारों पर्यटकों को अब सिर्फ ऐतिहासिक विरासत नहीं, बल्कि ठगी के जाल से भी होकर गुजरना पड़ता है। शहर के प्रमुख पॉइंट्स — होटल रमाडा, सेल्फी पॉइंट, और फूल सय्यद चौराहा से लेकर ताजमहल तक पहुंचने के रास्ते में सक्रिय फर्जी गाइडों और लपकों का गिरोह पर्यटकों को निशाना बना रहा है। यह गिरोह बाहर की गाड़ियों पर नजर रखते ही पीछा शुरू कर देता है और जबरन गाड़ी रोककर पर्यटकों को बहलाने-फुसलाने का सिलसिला चलता है।

ये लपके पर्यटकों को रोकने के बाद बेहद शातिर अंदाज़ में बातचीत (जिसे स्थानीय भाषा में ‘चाली’ कहा जाता है) शुरू करते हैं। अपनी मीठी बातों और फर्जी मदद के बहाने से वो पर्यटकों को भ्रमित करते हैं। जैसे ही पर्यटक उनके झांसे में आता है, लपके उसे गाड़ी पीछे लगाने को कहते हैं और फिर उसे नज़दीकी हैंडीक्राफ्ट शोरूम तक ले जाते हैं। यहां उन्हें बताया जाता है कि “सर, यहां आपकी गाड़ी की पार्किंग नहीं लगेगी” — और फिर एक तथाकथित गाइड प्रोवाइड कर दिया जाता है जो पर्यटक को ताजमहल तक ले जाता है।

ताजमहल से लौटने के बाद पर्यटकों पर खरीदारी का दबाव बनाया जाता है। लपके कहते हैं कि “यहां आपको केले के रेशे और बांस से बनी दुर्लभ साड़ियां मिलती हैं” — और इस बहाने उन्हें शोरूम के भीतर जबरन घुमा दिया जाता है। पर्यटकों को महंगे उत्पाद बेचने की कोशिश की जाती है, जिनकी वास्तविक कीमत से कई गुना अधिक वसूली होती है। इस बिक्री से लपकों को 50% तक कमीशन मिलता है, जिसमें से 10% वो गाइड को देते हैं और बाकी सीधे अपनी जेब में डालते हैं। यह एक सुनियोजित टूरिज्म ठगी रैकेट है जो वर्षों से सक्रिय है।

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह पूरा खेल पर्यटन पुलिस की आंखों के सामने हो रहा है — लेकिन कार्रवाई के नाम पर शून्य। ऑपरेशन डिलाइट चलाया जा रहा है कार्यवाही भी होती है लेकिन उसके बावजूद पुलिस की प्रभावी कार्रवाई के बाद भी यह लपके और अवैध गाइड अपने कामों का अंजाम देने से चूकते नहीं है। सूत्रों के अनुसार, आगरा के बड़े लेदर और हैंडीक्राफ्ट शोरूम मालिक इन लपकों को बाकायदा हायर करते हैं, ताकि वो जबरन पर्यटकों को उनके स्टोर तक ले जाएं। कई पर्यटक इस ठगी का शिकार होकर पर्यटन थाने में शिकायतें दर्ज करवा चुके हैं, लेकिन न तो कोई ठोस कार्रवाई होती है और न ही किसी पर लगाम लगाई जाती है हाँ खानापूर्ति के लिए ताजमहल के आसपास कार्रवाई करके एक दो लपकों को जेल भेज दिया जाता है.इससे लपकों के हौसले और भी बुलंद हो गए हैं।

बड़ा सवाल आखिर कब जागेगा प्रशासन? क्या आगरा की विश्वविख्यात छवि यूं ही धूमिल होती रहेगी? ज़रूरत है सख्त कार्रवाई की, ताकि पर्यटन और सुरक्षा दोनों बचाए जा सकें।

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