जनसेवा से जनधंधा तक: भाजपा नेता का नया स्टार्टअप
आगरा में जनता की सेवा करने वाले नेता जी ने सेवा छोड़कर नया स्टार्टअप खोल लिया—होटल में फेसबुक वाली दोस्ती को शराब और नशे से मसालेदार बनाकर कैमरे ऑन कर दिए, फिर वीडियो की धमकी देकर दस से चालीस लाख तक वसूली का धंधा; कोर्ट में स्पेशल स्क्रीनिंग की कोशिश हुई तो जनता ने शकील को पकड़ लिया और नेता जी अपनी तेज़ चाल दिखाकर भाग खड़े हुए—अब सवाल यही है कि जनप्रतिनिधि सुरक्षा देंगे या सीडी?
आगरा।सत्ताधारी दल के पूर्व पदाधिकारी मनीष साहनी का नाम एक ऐसे मामले में आया है जिसने ताजनगरी को हिलाकर रख दिया है। आरोप है कि होटल के कमरों में महिलाओं के साथ आपत्तिजनक वीडियो बनाकर उन पर ब्लैकमेल किया जा रहा था।
तरीका कितना फिल्मी था
तरीका बेहद फिल्मी बताया जा रहा है — पहले फेसबुक पर दोस्ती, फिर होटल में बुलावा। कमरे में शराब और नशे की स्थिति बनाकर कपड़े उतरवा लिए जाते और पहले से छिपे कैमरे ऑन कर वीडियो रिकॉर्ड कर लिए जाते। मिनटों में तैयार हो जाती थी “फिल्म” और फिर शुरू होता था ब्लैकमेल — “दस लाख दो वरना वीडियो वायरल।”
ब्लैकमेल का जाल और नोटिस
गैंग यहीं नहीं रुका। जब एक पीड़ित ने रकम देने से इनकार किया तो उसे हाथ से लिखा हुआ दस लाख रुपये का नोटिस भेज दिया गया। जानकारी के अनुसार नगर के एक व्यक्ति को चालीस लाख रुपये का नोटिस भेजे जाने का भी दावा है।
होटल पर पब्लिक मोर्चा और उलटा पलटा
जब पीड़ित व्यक्ति कोर्ट जाकर शिकायत करने पहुंचा, तो बताया गया कि मनीष साहनी और शकील नामक एक अन्य आरोपी महिला को साथ लेकर पहुंच गए। शकील ने कोर्ट में मोबाइल से आपत्तिजनक वीडियो दिखाने की कोशिश की, लेकिन वहां मौजूद लोगों ने शकील को पकड़ लिया; जबकि मनीष साहनी मौके से भाग निकले।
पुलिस जांच में क्या मिला
पुलिस जांच में शकील के मोबाइल से कई और लोगों के वीडियो और आधार कार्ड बरामद हुए हैं, जो दर्शाते हैं कि यह एक व्यवस्थित ब्लैकमेल रैकेट है। पुलिस आरोपियों की खोज में छापेमारी कर रही है और उन सभी से संपर्क साध रही है जिनके वीडियो उपकरणों में मिले हैं।
सवाल बड़ा — जनता भरोसा किस पर करे?
यदि सत्ता के गलियारों में बैठे लोग सुरक्षा देने की बजाय डर दिखाने का कारोबार करने लगें तो जनता भरोसा किस पर करे? यह मामला न केवल कानूनी कार्रवाई का विषय है बल्कि लोकतंत्र और सार्वजनिक विश्वास की परीक्षा भी बन गया है।
(जांच जारी है; रिपोर्ट में केवल वह तथ्य शामिल किए गए हैं जिनकी पुष्टि हुई है।)