केंद्र ने ₹3.69 लाख करोड़ सेस तय फंड में नहीं डाला, CAG रिपोर्ट में खुलासा

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रिपोर्ट में ऑयल इंडस्ट्री, शिक्षा-स्वास्थ्य और अन्य फंडों में ट्रांसफर की भारी कमी पाई गई, संसद में पेश होने के बाद मामला चर्चा में

नई दिल्ली। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की ताज़ा रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 तक केंद्र सरकार ₹3.69 लाख करोड़ का सेस उन निर्धारित फंडों में ट्रांसफर करने में नाकाम रही, जिनके लिए ये सेस वसूला गया था।

ऑयल इंडस्ट्री डेवलपमेंट बोर्ड को सबसे बड़ा झटका

CAG की रिपोर्ट में बताया गया कि सबसे बड़ा शॉर्टफॉल ऑयल इंडस्ट्री डेवलपमेंट बोर्ड (OIDB) से जुड़ा है। ऑयल इंडस्ट्री (डेवलपमेंट) अधिनियम 1974 के तहत क्रूड ऑयल और नेचुरल गैस पर सेस लगाकर इस बोर्ड के विकास के लिए फंड जुटाया जाना था।
रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 1974-75 से 2023-24 तक केंद्र ने क्रूड ऑयल से ₹2,94,850.56 करोड़ सेस वसूला, लेकिन 1991-92 के बाद से सिर्फ ₹92,200.40 करोड़ ही OIDB को ट्रांसफर किया गया, बाकी रकम अन्यत्र चली गई।

शिक्षा और स्वास्थ्य सेस में भी गड़बड़ी

CAG ने पाया कि शिक्षा और स्वास्थ्य सेस के नाम पर 2018-19 से 2023-24 तक ₹37,537 करोड़ वसूले गए, लेकिन इनमें से केवल ₹3,666 करोड़ ही निर्धारित फंड में जमा हुए।
सरकार ने 2004 से शिक्षा सेस और 2007 से सेकेंडरी व हायर एजुकेशन सेस लगाया था। 2018 से इन दोनों को मिलाकर एकल स्वास्थ्य और शिक्षा सेस के रूप में वसूला जा रहा है।

अन्य फंडों में भी कमी

रिपोर्ट में कहा गया कि निवेशक शिक्षा और सुरक्षा फंड (₹2,505.52 करोड़) और नेशनल हाईवे फंड (₹5,968.1 करोड़) में भी ट्रांसफर कम हुआ है।

CAG की सिफारिश

CAG ने मंत्रालय से कहा है कि इन आंकड़ों का तुरंत मिलान कर फंड ट्रांसफर सुनिश्चित किया जाए। यह मामला संसद में पेश होने के बाद से ही राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।

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