फिजियोथेरेपिस्ट्स को फिर मिली ‘डॉक्टर’ लिखने की अनुमति — IMA नाराज
मंत्रालय ने ने बड़ा यू-टर्न लेते हुए फिजियोथेरेपिस्ट्स को फिर से अपने नाम के साथ ‘डॉक्टर’ लिखने की अनुमति दे दी है।
नई दिल्ली। 9 सितंबर को जारी उस आदेश में कहा गया था कि फिजियोथेरेपिस्ट डॉक्टर नहीं हैं और वे यह उपसर्ग इस्तेमाल नहीं कर सकते। लेकिन महज आठ घंटे बाद मंत्रालय ने वह आदेश वापस ले लिया और स्पष्ट किया कि मामला विचाराधीन है। अंतिम निर्णय आने तक फिजियोथेरेपिस्ट्स अपने नाम के साथ ‘डॉक्टर’ उपसर्ग लिख सकते हैं।
IMA का रुख
“पहले आदेश जारी हुआ, फिर वापस ले लिया गया। यह मेडिकल बिरादरी के साथ मजाक है। अब अदालत का दरवाजा खटखटाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।” — डॉ. दिलीप भानुशाली, IMA राष्ट्रीय अध्यक्ष
फिजियोथेरेपिस्ट्स की प्रतिक्रिया
इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट्स के महासचिव डॉ. नितिन शर्मा ने कहा कि वे मेडिकल डॉक्टर नहीं हैं, पर उनके पास ‘डॉक्टर ऑफ फिजियोथेरेपी’ की डिग्री है और मरीज अक्सर उन्हें डॉक्टर ही बुलाते हैं। दिल्ली की वरिष्ठ फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. शालिनी गुप्ता ने भी कहा कि यह सम्मान और पहचान का मामला है।
मंत्रालय की सफाई
DGHS की डॉ. सुनीता शर्मा ने एक पत्र में बताया कि इस मुद्दे पर कई शिकायतें मिली हैं, इसलिए आदेश वापस लिया गया है और मामले की विस्तृत समीक्षा की जाएगी।
विवाद की जड़
मार्च 2025 में राष्ट्रीय आयोग ने फिजियोथेरेपी का नया पाठ्यक्रम जारी किया था, जिसमें फिजियोथेरेपिस्ट्स को अपने नाम के साथ ‘डॉक्टर’ और ‘PT’ लिखने की अनुमति दी गई थी। इसके बाद से चिकित्सकीय समुदाय और फिजियोथेरेपी पेशे के बीच मतभेद बढ़े हुए हैं।
जनता की राय
मरीज राजेश वर्मा ने कहा कि फिजियोथेरेपिस्ट्स ने उन्हें राहत दी है और उन्हें डॉक्टर कहना उचित है।
गृहिणी रश्मि सिंह को डर है कि इससे मरीजों में भ्रम बढ़ेगा।
छात्र आयुष चौधरी का कहना है कि दोनों पेशे अलग हैं और सरकार को स्पष्ट नियम बनाना चाहिए।
आगे क्या संभावना है
IMA ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वह इस फैसले को अदालत में चुनौती देगा। फिजियोथेरेपिस्ट्स उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार उनकी बात सुनेगी और भविष्य में उन्हें स्थायी अधिकार मिलेंगे। फिलहाल, केंद्र सरकार के अंतिम आदेश तक फिजियोथेरेपिस्ट्स ‘डॉक्टर’ उपसर्ग इस्तेमाल कर सकते हैं। नोट: सूचना अनुसार यह आदेश 9 सितंबर को जारी और आठ घंटे में वापस लिया गया। अंतिम निर्णय सरकारी समीक्षा के बाद ही स्पष्ट होगा।