रामजीलाल सुमन की राणा सांगा पर विवादित टिप्पणी का मामला MP-MLA कोर्ट पहुंचा, अगली सुनवाई 13 अक्टूबर
आगरा। समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन की ओर से राणा सांगा पर की गई विवादित टिप्पणी पर सियासत तेज हो गई है। इस मामले में दाख़िल रिविजन को जिला जज ने एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर करने के आदेश दिए हैं।
विशेष न्यायालय ने विपक्षियों को नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 13 अक्टूबर तय की है। रिविजनकर्ता एडवोकेट अजय प्रताप सिंह ने 24 मार्च को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और सांसद रामजीलाल सुमन को विपक्षी बनाकर सिविल वाद दायर किया था। हालांकि निचली अदालत ने 10 अप्रैल को प्रकरण खारिज कर दिया था, जिसके बाद 9 मई को सत्र न्यायालय में रिविजन दाखिल किया गया।
सत्र न्यायालय ने 13 मई को पुनः सुनवाई का आदेश दिया और 11 जुलाई को हुई सुनवाई के दौरान केस को प्रतिनिधि वाद के रूप में चलाने की मांग की गई। याचिका खारिज होने पर फिर रिविजन दाखिल किया गया, जिसे अब एमपी-एमएलए कोर्ट भेजा गया है।
मामले की जड़ 21 मार्च की वह टिप्पणी है, जब राज्यसभा में सांसद रामजीलाल सुमन ने कहा था कि भाजपा के नेता सबको “बाबर का डीएनए” बताते हैं। उन्होंने सवाल उठाया था कि “बाबर को लाने वाला कौन था? बाबर तो इब्राहिम लोदी को हराने के लिए राणा सांगा लेकर आया था।” उन्होंने राणा सांगा को “गद्दार” तक कह दिया था, जिस पर विपक्ष ने कड़ा विरोध जताया।