ताजमहल: गंदा है पर धंधा है ये – अप्रूव्ड गाइड्स की आड़ मे लोकल लाइसेंसधारी गाइडों ने निकाला एएसआई कार्रवाई का तोड़

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मानवेन्द्र मल्होत्रा


आगरा।लोकल लाइसेंसधारी गाइडों ने एएसआई की कार्रवाइयों का नया तोड़ निकाल लिया है। अब वे अप्रूव्ड गाइड्स का सहारा लेकर अपने गोरखधंधे को कायम रखे हुए हैं। इस पैंतरे से न सिर्फ नियमों की धज्जियाँ उड़ रही हैं, बल्कि अप्रूव्ड गाइड्स और लोकल गाइड्स के बीच कोकस (मिलीभगत) का भी खुलासा हो गया है। यानी साफ है – “गंदा है पर धंधा है ये।”

पुरानी कार्रवाई और पाबंदियाँ

एएसआई ने बीते वर्षों में कई बार सख्त अभियान चलाकर बिना अनुमति गाइडिंग पर रोक लगाई। गेट पर लाइसेंस जांच, आईडी वेरीफिकेशन और जुर्माना तक की कार्रवाई हुई। माना गया कि अब विदेशी पर्यटकों को केवल अप्रूव्ड गाइड ही घुमा पाएंगे।

लोकल गाइडों का नया तरीका

लेकिन अब लोकल लाइसेंस वाले गाइड अप्रूव्ड गाइड्स के नाम और लाइसेंस का सहारा ले रहे हैं। विदेशी सैलानियों की एंट्री अप्रूव्ड गाइड कराते हैं, मगर असल में अंदर जाकर पूरा टूर और डीलिंग लोकल गाइड ही संभालते हैं।

अप्रूव्ड गाइड्स का कहना है –
“हमारी ट्रेनिंग और परीक्षा का महत्व खत्म किया जा रहा है। लोकल गाइड हमें सिर्फ औपचारिकता के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे विदेशी सैलानियों में गलत मैसेज जाता है और हमारी छवि खराब हो रही है। एएसआई को इसे गंभीरता से देखना चाहिए।”

एएसआई की निगरानी

एएसआई गेट पर लाइसेंस की चेकिंग जरूर कर रहा है, मगर भीतर कौन किसे गाइड कर रहा है, यह पकड़ना मुश्किल हो रहा है। इसीलिए लोकल गाइड और अप्रूव्ड गाइड्स की सांठगांठ अब भी जारी है।

पर्यटन छवि पर असर

विदेशी पर्यटक ताजमहल भारत की पहचान मानकर आते हैं। ऐसे में नियम तोड़कर की गई गाइडिंग से न केवल शिकायतें बढ़ती हैं, बल्कि आगरा और देश की पर्यटन छवि भी धूमिल होती है।

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