90 लाख की योजना धरी रह गई: 27 लाख खर्च के बाद ताजमहल के पूर्वी गेट का नाला प्रोजेक्ट फेल, एएमयू से 63 लाख की वसूली शुरू
आगरा के ताजमहल क्षेत्र में 90 लाख की लागत से शुरू हुआ स्मार्ट सिटी का नाला फिल्टर प्रोजेक्ट फ्लॉप हो गया। 27 लाख खर्च होने के बावजूद गंदा पानी साफ नहीं हुआ। स्मार्ट सिटी ने अब प्रोजेक्ट बंद कर एएमयू से 63 लाख रुपये लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

आगरा: ताजमहल के आसपास स्मार्ट सिटी क्षेत्र में शुरू किया गया बायोरेमेडिएशन और वेटलैंड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट नाकाम हो गया। करीब 90 लाख रुपये की लागत से तैयार इस योजना का उद्देश्य ताजमहल के पूर्वी गेट से यमुना में गिरने वाले नाले के गंदे पानी को फिल्टर करना था। परियोजना का कार्यान्वयन अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के सिविल इंजीनियरिंग विभाग को सौंपा गया था।
बारिश में बढ़ी लोगों की मुसीबत
परियोजना शुरू होते ही स्थानीय निवासियों को राहत के बजाय नई समस्याओं का सामना करना पड़ा। बारिश के दौरान नाले का गंदा पानी घरों में घुसने लगा, जबकि तेज बहाव के कारण वेटलैंड क्षेत्र में लगाए गए पौधे भी बार-बार नष्ट हो गए। लगातार शिकायतों पर ताजगंज क्षेत्र के पार्षद ने इस योजना की खामियों को उजागर किया।
27 लाख खर्च, 63 लाख रुपये की रिकवरी
स्मार्ट सिटी अधिकारियों के मुताबिक अब तक प्रोजेक्ट पर 27 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। मंडलायुक्त शैलेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई स्मार्ट सिटी बोर्ड की बैठक में परियोजना को बंद करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद स्मार्ट सिटी प्रशासन ने एएमयू से बकाया 63 लाख रुपये वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
नई योजना पर होगा काम
स्मार्ट सिटी टीम अब ताजमहल के आसपास नाले के पानी को शुद्ध करने और यमुना की सफाई के लिए नई और प्रभावी परियोजना तैयार करने पर काम करेगी, जिससे स्थानीय लोगों को स्थायी राहत मिल सके।