ट्रांस यमुना पुलिस पर कार्रवाई की तलवार लटक गई — जांच में दोनों पक्ष दोषी पाए गए

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ट्रांस यमुना थाना पुलिस पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। कालींदी विहार निवासी सरजू यादव ने थाने की पुलिस पर मारपीट और अभद्रता के गंभीर आरोप लगाए थे । प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में पुलिस और शिकायतकर्ता दोनों को दोषी माना गया है, जबकि मामले की विस्तृत जांच अब एडीसीपी क्राइम को सौंपी गई है।

मामला 15 सितंबर 2024 का है, जब सरजू यादव के घर चोरी की घटना हुई थी। पुलिस ने मामले में अंतिम रिपोर्ट दाखिल करते हुए संकेत दिया था कि चोरों का कोई सुराग नहीं मिला। इसके बाद जब सरजू यादव थाने जाकर खुलासे की जानकारी माँगने गई तो उनके और थाने के कर्मियों के बीच विवाद हो गया था । सरजू का आरोप था कि वहां उन्हें मारपीट और अभद्रता का सामना करना पड़ा।

जांच एडीसीपी प्रोटोकॉल पूनम सिरोही को सौंपी गई थी। उनकी प्रारंभिक रिपोर्ट में दोनों — पुलिस और शिकायतकर्ता — पर आंशिक रूप से दोषारोपण किया गया। इस रिपोर्ट के बाद पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने मामले की गहन जांच के निर्देश दिए और एडीसीपी क्राइम हिमांशु गौरव को जिम्मेदारी सौंपी।

जांच में यह भी सामने आया कि विवेचक दारोगा राजकुमार गोस्वामी पर पहले भी लापरवाही के आरोप थे और वह किसी अन्य प्रकरण में निलंबित चल रहे थे।

पुलिस आयुक्त ने कहा है कि चोरी के मुकदमे में दर्ज एफआईआर को समीक्षा के बाद निरस्त कर दिया गया है तथा दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि निष्पक्ष और पारदर्शी जांच सुनिश्चित की जाएगी।

सरजू यादव ने कहा कि उन्हें न्याय मिलने तक वह अपनी लड़ाई जारी रखेंगी और उन्होंने उच्च अधिकारियों से निष्पक्ष जांच की माँग की है। स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने भी मामले पर संज्ञान लेने की अपील की है।

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